किसान अपने ऊपर आंसू गैस के गोले छोड़े जाने को अपनी नैतिक जीत मान रहे हैं। करीब एक साल तक उन्हें शंभू बॉर्डर पर अव्यवस्था फैलाने और हरियाणा सरकार के साथ गतिरोध के कारण लाखों यात्रियों को फंसाने के लिए खलनायक के तौर पर पेश किया जाता रहा।
बढ़ती चोटों के कारण विरोध प्रदर्शन स्थगित करने के बाद सरवन सिंह पंधेर और गुरमनीत सिंह मंगत ने कहा कि पूरी दुनिया ने देखा है कि केंद्र की सरकार किसानों के साथ कैसा व्यवहार कर रही है।
मरजीवड़ा जत्था निहत्था था और पैदल चल रहा था। पंधेर कहते हैं, “यह हमारी नैतिक जीत है। हम पर हंगामा करने का आरोप लगाया गया और हमें ट्रैक्टर और ट्रॉलियों के बिना विरोध करने के लिए कहा गया। आज दुनिया भर के लोगों ने देखा है कि कैसे सरकार ने पैदल सीमा पार कर दिल्ली की ओर जा रहे निहत्थे किसानों पर आंसू गैस के गोले दागे हैं।”
किसान नेताओं ने कहा कि उनके साथ अपने ही देश में दुश्मनों जैसा व्यवहार किया जा रहा है।
पंधेर ने कहा, “बाड़ के करीब पहुंचने वालों पर मिर्च स्प्रे का इस्तेमाल किया गया। घायलों की संख्या बढ़ने पर रविवार तक दिल्ली चलो प्रदर्शन स्थगित करने का फैसला किया गया।
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