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‘काम ही आगे काम दिलाता है’, फिल्मी सफर को लेकर चित्रांगदा सिंह ने दी सलाह

Work is the only way forward, work is the library', Chitrangada Singh gives advice on her film journey

बॉलीवुड एक ऐसी इंडस्ट्री है, जहां किसी कलाकार की सफलता अक्सर इस बात से मापी जाती है कि उसने कितनी फिल्में की हैं, वह कितनी बार स्क्रीन पर नजर आता है और उसका नाम कितनी बार चर्चा में रहता है। ऐसे माहौल में कुछ कलाकार ऐसे भी होते हैं, जो इस भीड़ से अलग अपनी पहचान बनाते हैं। वे कम काम करते हैं, लेकिन ऐसा काम करते हैं जो लंबे समय तक दर्शकों के दिल और दिमाग में बना रहता है।

अभिनेत्री चित्रांगदा सिंह उन्हीं चुनिंदा कलाकारों में से एक हैं, जिन्होंने हमेशा संख्या से ज्यादा गुणवत्ता को महत्व दिया है। साल 2025 उनके करियर के लिए खास रहा है, जिसमें उन्होंने ‘हाउसफुल 5’, ‘परिक्रमा’ और ‘रात अकेली है: द बंसल मर्डर्स’ जैसी अलग-अलग तरह की प्रोजेक्ट्स में काम किया।

आईएएनएस से बात करते हुए चित्रांगदा सिंह ने कहा, ”भले ही मेरा फिल्मी सफर बहुत लंबा या लगातार नहीं रहा, लेकिन इस बात की खुशी है कि दर्शकों ने मेरे काम को याद रखा है। मेरा मानना है कि किसी किरदार के स्क्रीन टाइम से ज्यादा जरूरी यह होता है कि वह दर्शकों पर कितना असर छोड़ता है।”

अपने किरदार चुनने के तरीके पर बात करते हुए चित्रांगदा ने कहा, ”अब धीरे-धीरे इंडस्ट्री में भी यह समझ विकसित हो रही है कि सिर्फ ज्यादा काम करना ही सब कुछ नहीं होता। कभी-कभी एक छोटा सा सीन या सीमित स्क्रीन टाइम वाला किरदार भी दर्शकों के दिल में गहरी जगह बना सकता है। ऐसा कई बार देखा गया है कि एक मजबूत सीन पूरी फिल्म के मुकाबले ज्यादा यादगार बन जाता है।”

चित्रांगदा ने कहा, “मेरा यह भी मानना है कि सिर्फ अच्छा काम करना ही काफी नहीं होता। एक कलाकार के लिए फैंस के बीच अपनी मौजूदगी बनाए रखना भी जरूरी होता है। अच्छा काम और दर्शकों तक पहुंच, इन दोनों के बीच संतुलन होना चाहिए। इसलिए कलाकार को ऐसे रोल मिलने जरूरी होते हैं, जिन्हें लोग याद रखें और जिनसे उनका काम आगे बढ़े। लेकिन, वही काम टिकता है, जिसमें सच्चाई और गहराई हो।”

हाल ही में रिलीज हुई फिल्म ‘रात अकेली है: द बंसल मर्डर्स’ में चित्रांगदा का अभिनय चर्चा में रहा। इस फिल्म में उनके किरदार के लिए काफी सराहना मिली।

चित्रांगदा ने कहा, ”मैं खुद को खुशकिस्मत मानती हूं कि मैंने जितना भी काम किया है, लोगों ने उसे सराहा और याद रखा है। काम ही आगे काम दिलाता है, लेकिन अच्छा काम लंबे समय तक मौके देता है और कलाकार को टिकाऊ पहचान देता है।”

‘रात अकेली है: द बंसल मर्डर्स’ को लेकर चित्रांगदा ने महिला किरदारों के चित्रण पर भी बात की। उन्होंने कहा कि फिल्मों में अक्सर महिलाओं को या तो कमजोर शिकार के रूप में दिखाया जाता है या फिर चालाक और रहस्यमयी महिला के रूप में। लेकिन इस फिल्म ने महिलाओं को ज्यादा वास्तविक और संतुलित तरीके से पेश किया है।”

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