N1Live Entertainment जलवायु संकट जैसे संवेदनशील मुद्दों को सिनेमा में पर्याप्त जगह न मिलने पर जीनत अमान ने जताई चिंता
Entertainment

जलवायु संकट जैसे संवेदनशील मुद्दों को सिनेमा में पर्याप्त जगह न मिलने पर जीनत अमान ने जताई चिंता

Zeenat Aman expressed concern over sensitive issues like climate crisis not getting enough space in cinema.

भारतीय सिनेमा और कहानियों की दुनिया में सामाजिक मुद्दों पर अक्सर चर्चा होती रही है, लेकिन पर्यावरण और जलवायु संकट जैसे विषय लंबे समय से पीछे छूटते गए। इस बीच दिग्गज अभिनेत्री जीनत अमान ने इस ओर लोगों का ध्यान आकर्षित किया है। उनका कहना है कि अगर पर्यावरण के पक्ष में अभी सख्त कदम नहीं उठाए गए, तो आने वाला समय गंभीर परिणाम लेकर आएगा।

डिस्कवरी चैनल की डॉक्यूमेंट्री सीरीज ‘एम्बर्स ऑफ होप: द फाइट फॉर आवर फ्यूचर’ में नैरेटर के रूप में शामिल हुईं जीनत अमान ने कहा, ”भारत की कहानियों और सांस्कृतिक परंपराओं में प्रकृति से जुड़ी बातें तो रही हैं, लेकिन आज के आधुनिक दौर में जलवायु संकट जैसे संवेदनशील मुद्दों को पर्याप्त जगह नहीं मिली।”

उन्होंने आगे कहा, ”भारत में कहानी कहने की परंपरा हमेशा समृद्ध रही है, पर पर्यावरण के बिगड़ते हालात को फिल्मों, धारावाहिकों या साहित्य में उतनी प्रमुखता नहीं मिली, जितनी मिलनी चाहिए थी। दुनिया इतनी बड़ी गंभीर समस्या से जूझ रही है, फिर भी आम लोग इस विषय में उतने जागरूक नहीं हैं।”

जीनत अमान का कहना है कि जलवायु संकट को नजरअंदाज करने की एक बड़ी वजह यह भी है कि लोगों में जानकारी की कमी है। आम व्यक्ति दिल से संवेदनशील होता है, पर सही और पूरी जानकारी न मिलने के कारण वह समझ नहीं पाता कि समस्या कितनी गंभीर है और उसे अपने जीवन में क्या बदलाव लाने चाहिए। इसी वजह से ‘एम्बर्स ऑफ होप’ जैसी डॉक्यूमेंट्री आज बेहद जरूरी है, क्योंकि यह पर्यावरण से जुड़े मुद्दों को आसान भाषा, वास्तविक उदाहरणों और गहरी रिसर्च के साथ लोगों के सामने रखती है।

जीनत कहती हैं कि जब लोग जानेंगे, तभी वे कदम उठाएंगे और सही दिशा में सोच पाएंगे।

अभिनेत्री ने कहा, ”युवा पीढ़ी में बदलाव लाने की ताकत है। आज के युवा तकनीक जानते हैं, सोच रखते हैं और नए विचारों के साथ आगे बढ़ सकते हैं। लेकिन उनके लिए सही दिशा और मार्गदर्शन बेहद जरूरी है। युवा धरती को बचाना चाहते हैं, पर उन्हें यह नहीं मालूम होता कि कहां से शुरुआत करें। डॉक्यूमेंट्री का मकसद युवाओं को ऐसी जानकारी देना है, जिससे वे समझ सकें कि कौन-सी समस्या कितनी बड़ी है और उसे ठीक करने के लिए क्या कदम उठाए जा सकते हैं।”

जीनत अमान ने कहा कि अब यह ग्रह अगली पीढ़ी का है। मौसम की अनिश्चितता, बढ़ती गर्मी, बदलते समुद्री पैटर्न, जंगलों की कटाई, बढ़ता प्रदूषण और जनसंख्या का दबाव, यह सभी संकेत हैं कि हम खतरे के बहुत करीब खड़े हैं, लेकिन अभी उम्मीद बाकी है। अगर लोग मिलकर काम करें, सरकारें नीतियों को मजबूत करें और युवा आगे बढ़कर कदम उठाएं तो इस संकट से बचना संभव है।

‘एम्बर्स ऑफ होप: द फाइट फॉर आवर फ्यूचर’ को 60 से ज्यादा लोकेशन्स में फिल्माया गया है और हर एपिसोड पर्यावरण की एक अलग चुनौती को विस्तार से समझाता है, चाहे वह ग्लोबल वॉर्मिंग हो, पानी की कमी, जंगलों का भविष्य या जीव-जंतुओं का घटता अस्तित्व।

यह सीरीज मोबियस फाउंडेशन और वार्नर ब्रदर्स डिस्कवरी द्वारा बनाई गई है और 16 नवंबर से हर रविवार शाम 7:30 बजे डिस्कवरी चैनल और एनिमल प्लैनेट पर प्रसारित हो रही है।

Exit mobile version