पटना, 17 अक्टूबर । बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी ने कहा कि बिहार में जातीय सर्वे करा लेने के बाद जदयू को लगा कि इससे नीतीश कुमार का कद बढे़गा और कांग्रेस वर्चस्व वाला विपक्षी दलों का गठबंधन उन्हें पीएम प्रत्याशी मान लेगा, लेकिन राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे का नाम लेकर शशि थरूर ने गुब्बारे की हवा निकाल दी।
उन्होंने दावा करते हुए कहा कि विपक्ष में प्रधानमंत्री पद के लिए लड़ाई अभी से शुरू हो गई है और सीट शेयरिंग तक बात पहुंचने पर इनका कुनबा बिखर जाएगा। विपक्ष की मुंबई बैठक में सीट शेयरिंग पर जल्द निर्णय करने का फैसला हुआ था, लेकिन हालत यह हैं कि पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस, सपा और आप कई सीटों पर एक-दूसरे के खिलाफ लड़ रहे हैं।
उन्होंने कहा कि थरूर ने कांग्रेस के मन की बात कह दी, जिससे जदयू और राजद दोनों को बड़ा झटका लगा। न नीतीश कुमार केंद्र की राजनीति में जाएंगे, न बिहार में तेजस्वी यादव के लिए कुर्सी खाली करेंगे।
उन्होंने कहा कि विपक्ष की समन्वय समिति की 13 सितंबर की दिल्ली बैठक के महीने भर बाद भी न कोई बैठक हुई, न अगली तारीख तय हुई। जो तीन वर्किंग ग्रुप बने थे, उनकी बैठकें भी नहीं हुईं। जो 24 विपक्षी दल 4 उच्चस्तरीय बैठकों के बाद न नेतृत्व तय कर सके और न सीट साझा करने पर सहमति बना पाये, वे केवल प्रधानमंत्री मोदी का विरोध करने के नकारात्मक मुद्दे पर देश का भरोसा नहीं जीत सकते।
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