पंजाब मंत्रिमंडल की बैठक के बारे में विस्तृत जानकारी देते हुए कैबिनेट मंत्री अमन अरोड़ा ने बताया कि मुख्यमंत्री ने छोटे वर्ग के मजदूरों को उन जमीनों का मालिक बनाने का ऐलान किया है, जो बहुत हद तक जमींदारों के स्वामित्व में हैं।
अमन अरोड़ा ने बताया कि 11,231 ऐसे लाभार्थियों ने जमीनों पर मालिकाना हक का दावा किया है जो लंबे समय से बिना किसी वारिस के ऐसी जमीनों की देखभाल कर रहे हैं। मंत्री ने बताया कि ऐसी जमीनों की संख्या 4,196 एकड़ है।]
इसके अलावा 14 बांधों और हेडवर्क्स की सफाई और सुरक्षा के लिए विश्व बैंक से 12 वर्षों के लिए ऋण लिया जाना है।
स्थानीय निकायों की जमीन पर जहां अस्पताल या सरकारी संस्थान बने हैं, वहां अवैध कब्जा है। स्कूल बना है या अस्पताल बना है, तो उसका उन्नयन नहीं हो पाता। इन जमीनों को उस विभाग को हस्तांतरित करने की मंजूरी दी गई है, ताकि उनका रखरखाव और उन्नयन हो सके।
उन्होंने बताया कि धान का सीजन आ गया है। शैलर मालिकों की समस्या का समाधान कर दिया गया है। इस संबंध में कस्टम मिलिंग नीति जारी कर दी गई है, जो वार्षिक आधार पर है। शैलर मालिकों के पंजीकरण के लिए रिफंडेबल सिक्योरिटी 11 लाख से घटाकर 5 लाख कर दी गई है। बैंक गारंटी की आवश्यकता नहीं है और संपत्ति की निशानदेही होगी। कस्टम मिलिंग की दर पहले 175 रुपये प्रति टन थी, जिसे अब 10 रुपये घटाकर 165 रुपये कर दिया गया है।