जालंधर, 29 मई, 2025 –
पंजाब के रक्षा सेवा कल्याण मंत्री मोहिंदर भगत ने आज शहीदों के परिवारों के कल्याण और सम्मान के लिए राज्य सरकार की अटूट प्रतिबद्धता को दोहराते हुए कहा कि प्रशासन देश के लिए बलिदान देने वालों के साथ “कंधे से कंधा मिलाकर” खड़ा है।
जालंधर में जिला रक्षा सेवा कल्याण कार्यालय में पंजाब सरकार द्वारा आयोजित राज्य स्तरीय सम्मान समारोह में बोलते हुए मंत्री भगत ने पिछले दो वर्षों में सम्मान एवं कृतज्ञता योजना के तहत सरकारी नौकरी पाने वाले शहीदों के परिवारों के लाभार्थियों को सम्मानित किया। इस कार्यक्रम में डिप्टी कमिश्नर डॉ. हिमांशु अग्रवाल और रक्षा सेवा कल्याण के निदेशक ब्रिगेडियर भूपिंदर सिंह ढिल्लों (सेवानिवृत्त) भी मौजूद थे।
मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व में सैनिकों के हित में की गई कई पहलों पर प्रकाश डालते हुए भगत ने घोषणा की कि शहीदों के परिवारों के लिए अनुग्रह राशि बढ़ाकर ₹1 करोड़ कर दी गई है। पिछले दो वर्षों में 25 आश्रितों को विभिन्न विभागों में सरकारी नौकरी दी गई है। उन्होंने कहा, “हालांकि कोई भी मुआवज़ा किसी प्रियजन के नुकसान की भरपाई नहीं कर सकता है, लेकिन इन उपायों का उद्देश्य शहीदों के परिवारों की आजीविका और सम्मान को सुरक्षित करना है।”
भगत ने भूतपूर्व सैनिकों और शहीदों के आश्रितों की समस्याओं के समाधान के लिए स्थानीय रक्षा सेवा कल्याण कार्यालय में एक क्षेत्रीय कार्यालय की स्थापना की भी घोषणा की। शिकायतों का सीधा समाधान करने के लिए नियमित रूप से जिला स्तरीय बैठकें आयोजित की जा रही हैं। मंत्री ने व्यक्तिगत रूप से परिवारों से बातचीत की और उन्हें निरंतर सहायता का आश्वासन दिया।
एक विशेष अपील में भगत ने पूर्व सैनिकों से पंजाब सरकार के चल रहे ‘ड्रग्स के खिलाफ युद्ध’ अभियान में सक्रिय रूप से शामिल होने का आह्वान किया तथा उनसे राष्ट्रीय सेवा के प्रति अपने समर्पण को पंजाब में नशीली दवाओं के खतरे से निपटने में लगाने का आग्रह किया।
डिप्टी कमिश्नर डॉ. हिमांशु अग्रवाल ने शहीदों और पूर्व सैनिकों के परिवारों के सम्मान और कल्याण को सुनिश्चित करने के लिए जिला प्रशासन की ओर से पूर्ण सहयोग का वादा किया। जिला रक्षा सेवा कल्याण अधिकारी कमांडर बलजिंदर सिंह विर्क (सेवानिवृत्त) ने भी इन परिवारों के लिए नए लाभ और योजनाओं पर प्रकाश डाला।
समारोह के दौरान पंजाब भर के 25 शहीदों के परिवारों को उनके प्रियजनों के सर्वोच्च बलिदान के लिए सम्मानित किया गया। सम्मानित होने वालों में नायक गुरजंत सिंह (शौर्य चक्र, मरणोपरांत), सिपाही गुरप्रीत सिंह, हवलदार गुरनिंदर सिंह और विभिन्न जिलों के कई अन्य लोगों के परिवार शामिल थे।
यह कार्यक्रम उन लोगों के प्रति राज्य की कृतज्ञता और सतत प्रतिबद्धता का मार्मिक स्मरण कराता है, जिन्होंने राष्ट्र की सेवा में अपना सर्वस्व समर्पित कर दिया है।
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