जयपुर, राजस्थान में वन्यजीव प्रेमियों के लिए नया टाइगर रिजर्व खुलने जा रहा है। राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (एनटीसीए) ने राजस्थान में धौलपुर-करौली टाइगर रिजर्व को अंतिम मंजूरी दे दी है। धौलपुर करौली टाइगर रिजर्व प्रोजेक्ट के लिए जल्द ही 50 गांवों को विस्थापित किया जाएगा।
वन विभाग के मुताबिक धौलपुर-करौली टाइगर रिजर्व दो तरह के इलाकों में फैला हुआ है। जिसका पहला कोर क्षेत्र लगभग 580 वर्ग किमी में फैला हुआ है, जबकि दूसरा क्षेत्र 495 वर्ग किमी में फैला हुआ है।
कुल बाघ आरक्षित क्षेत्र 1075 वर्ग किमी में फैला हुआ है। वर्तमान में धौलपुर टाइगर रिजर्व में दो बाघ और तीन शावक हैं जिनमें एक मादा टी-117 और दूसरा नर टी-116 शामिल है जिनकी मूवमेंट पिछले दिनों ही देखी गई थी।
धौलपुर-करौली टाइगर रिजर्व क्षेत्र रणथंभौर, रामगढ़ विषधारी, मुकुंदरा पहाड़ियों और मध्य प्रदेश और राजस्थान के अन्य संरक्षित क्षेत्रों से सटा हुआ है।
इसके साथ ही धौलपुर टाइगर रिजर्व बनने से धौलपुर, करौली, सवाई माधोपुर से लेकर रामगढ़ विषधारी और मुकुंदरा तक टाइगर कॉरिडोर बनेगा। इससे राजस्थान के पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा।
राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (एनटीसीए) ने धौलपुर-करौली के साथ-साथ कुंभलगढ़ को भी टाइगर रिजर्व घोषित करने की सैद्धांतिक मंजूरी दे दी है। कुंभलगढ़ में 2766 वर्ग किमी में टाइगर रिजर्व बनाया जाएगा।