राज्य में 1 जनवरी से 30 सितंबर के बीच पिछले साल की तुलना में चिट्टा ज़ब्ती के मामलों में बढ़ोतरी देखी गई है। पुलिस ने इस साल 30 सितंबर तक लगभग 10.92 किलोग्राम चिट्टा (हेरोइन) ज़ब्त किया है, जबकि पिछले साल इसी अवधि में 7.8 किलोग्राम प्रतिबंधित पदार्थ ज़ब्त किया गया था, यानी 28.2 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है।
इस वर्ष पुलिस ने 275.5 किलोग्राम भांग, 20.8 किलोग्राम अफीम, 469.12 किलोग्राम पोस्त की भूसी, 42.6 किलोग्राम गांजा, 3.95 लाख पोस्त के पौधे, 2.07 ग्राम स्मैक, 25.02 ग्राम एमडीएमए आदि भी जब्त किया है।
1 जनवरी 2024 से 30 सितंबर 2024 तक पुलिस ने लगभग 7.8 किलोग्राम हेरोइन, 205.7 किलोग्राम चरस, 33.7 किलोग्राम अफीम, 570 किलोग्राम पोस्त की भूसी, 3.78 लाख पोस्त के पौधे, 6.09 ग्राम स्मैक, 25.2 किलोग्राम गांजा, 5.21 ग्राम कोकीन और 3.3 ग्राम एमडीएमए जब्त किया था।
साथ ही, इस साल नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंसेज (एनडीपीएस) अधिनियम के तहत दर्ज मामलों की कुल संख्या में 33 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। अब तक कुल 1,618 मामले दर्ज किए गए हैं। हिमाचल प्रदेश पुलिस के आंकड़ों के अनुसार, सबसे अधिक 257 मामले मंडी जिले में दर्ज किए गए हैं, इसके बाद शिमला (211), बिलासपुर (188), कुल्लू (178), कांगड़ा (156), सिरमौर (132), सोलन (81), ऊना (76), हमीरपुर (75), चंबा (69), नूरपुर पुलिस जिला (68), बद्दी पुलिस जिला (67), देहरा पुलिस जिला (36), किन्नौर (20) और लाहौल और स्पीति जिले (4) में मामले दर्ज किए गए हैं।
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी के अनुसार, ज़ब्ती में यह वृद्धि राज्य में बढ़ते नशीले पदार्थों के खतरे को रोकने के लिए पुलिस द्वारा उठाए गए प्रभावी उपायों और त्वरित कार्रवाई का परिणाम है। पुलिस का कहना है कि पिछले एक साल के दौरान, उन्होंने राज्य में नशीले पदार्थों की आपूर्ति करने वाले प्रमुख ड्रग माफियाओं पर सफलतापूर्वक शिकंजा कसा है।


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