जेनेवा, इस साल, जनवरी से लेकर अब तक 29 देशों में 115 मीडिया कर्मचारी मारे जा चुके हैं। सबसे ज्यादा मौतें यूक्रेन और मेक्सिको में हुई हैं। ये सबसे खतरनाक जगह हैं। यह जानकारी एक रिपोर्ट में सामने आई है। प्रेस इमबेल कैंपेन (पीईसी) की रिपोर्ट के अनुसार, लैटिन अमेरिका में 39, यूरोप में 37, एशिया में 30, अफ्रीका में 7 और नॉर्थ अमेरिका में 2 पत्रकारों की मौत हुई है।
पीईसी की रिपोर्ट की मानें तो, 1992 से 1999 तक पूर्व यूगोस्लाविया में युद्धों के बाद से यूरोप ने पत्रकारों की सुरक्षा में सबसे खराब गिरावट का अनुभव किया है।
24 फरवरी को उक्रेन पर रूसी आक्रमण के बाद से अब तक कम से कम 34 पत्रकार मारे गए हैं। मेक्सिको दूसरे स्थान पर है। वहां 17 पत्रकारों की मौत हुई है। इसी तरह से अलग अलग देशो में पत्रकारों को मारा गया।
पीईसी के आकंड़ो के अनुसार, 2013 से 2022 तक 1,135 पत्रकार मारे गए, जिससे साबित होता है कि 113 हर साल और 2.2 हर सप्ताह मारे जाते हैं।