पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय को सोमवार को सूचित किया गया कि 11 नवंबर को स्वतंत्र एवं निष्पक्ष उपचुनाव सुनिश्चित करने के लिए तरनतारन में केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) की 12 कंपनियां तैनात की गई हैं, जो किसी एक विधानसभा क्षेत्र के लिए सशस्त्र कर्मियों की अब तक की सबसे बड़ी तैनाती है।
न्यायमूर्ति हरसिमरन सिंह सेठी और न्यायमूर्ति विकास सूरी की खंडपीठ कंचनप्रीत कौर द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिन्होंने तरनतारन विधानसभा उपचुनाव को स्वतंत्र और निष्पक्ष तरीके से कराने के लिए निर्देश मांगे थे। भारतीय चुनाव आयोग (ईसीआई) की ओर से पेश वकील प्रतीक गुप्ता ने पीठ को बताया कि आयोग ने पहले ही राज्य प्राधिकारियों के समक्ष कुछ मुद्दे उठाये हैं और उन पर कार्रवाई की जा रही है तथा उनका समाधान किया जा रहा है।
आगे यह भी कहा गया कि “स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करने के लिए केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल की 12 कंपनियां तैनात की गई हैं, जो उक्त उद्देश्य के लिए सशस्त्र बलों की सबसे बड़ी तैनाती है,” और 46 माइक्रो-ऑब्जर्वर भी तैनात किए गए हैं।
पंजाब की ओर से पेश अतिरिक्त महाधिवक्ता राहुल रामपाल ने कहा कि चुनाव भारत निर्वाचन आयोग की निगरानी में हो रहे हैं और राज्य निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए “बिना किसी संदेह, कमी या अंतराल के” जो भी सहायता आवश्यक होगी, वह प्रदान करेगा।
राज्य और आयोग दोनों ने पीठ को आश्वासन दिया कि चुनाव कानून के अनुसार कराने तथा उठाए गए किसी भी मुद्दे का शीघ्रता से समाधान करने के लिए सभी प्रयास किए जाएंगे।


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