कश्मीर घाटी में अलगाववादी संगठन हुर्रियत को बड़ा झटका लगा है। जम्मू-कश्मीर मास मूवमेंट ने हुर्रियत कॉन्फ्रेंस से खुद को अलग कर लिया है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इसकी जानकारी खुद सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के जरिए दी। उन्होंने दावा किया कि अब 12 संगठनों ने अलगाववाद से नाता तोड़ लिया है।
इसके साथ ही उन्होंने इसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ के दृष्टिकोण की जीत बताया।
गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, ”मोदी सरकार के तहत जम्मू-कश्मीर में एकता की भावना व्याप्त है। हुर्रियत से जुड़े एक अन्य संगठन जम्मू-कश्मीर मास मूवमेंट ने अलगाववाद को खारिज करते हुए भारत की एकता के लिए पूरी प्रतिबद्धता जताई है। मैं उनके इस कदम का तहे दिल से स्वागत करता हूं।”
उन्होंने आगे बताया, ”अब तक हुर्रियत से जुड़े 12 संगठन अलगाववाद से अलग हो चुके हैं और भारत के संविधान पर भरोसा जता रहे हैं।”
अमित शाह ने कहा कि यह प्रधानमंत्री मोदी के ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ के सपने की जीत है।
इससे पहले घाटी में तीन बड़े संगठनों ने हुर्रियत कॉन्फ्रेंस से नाता तोड़ लिया था। गृह मंत्री अमित शाह ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर इसकी जानकारी देते हुए लिखा था, ”जम्मू-कश्मीर इस्लामिक पॉलिटिकल पार्टी, जम्मू कश्मीर मुस्लिम डेमोक्रेटिक लीग और कश्मीर फ्रीडम फ्रंट जैसे तीन और संगठनों ने हुर्रियत से खुद को अलग कर लिया है। यह घाटी के लोगों में भारत के संविधान के प्रति विश्वास का एक प्रमुख प्रदर्शन है। पीएम मोदी का एकजुट और शक्तिशाली भारत का सपना आज और भी मजबूत हो गया है, क्योंकि अब तक 11 ऐसे संगठनों ने अलगाववाद को त्याग दिया है और इसके लिए अटूट समर्थन की घोषणा की है।”
कुछ दिनों पहले गृह मंत्री अमित शाह जम्मू-कश्मीर के दौरे पर थे, जहां उन्होंने शहीद डीएसपी हुमायूं मुजम्मिल भट के परिवारवालों से मुलाकात भी की थी। उन्होंने इस मुलाकात की फोटो शेयर करते हुए लिखा था, ”जम्मू-कश्मीर पुलिस के डीएसपी हुमायूं मुजम्मिल भट ने 2023 में जम्मू-कश्मीर के कोकरनाग में आतंकवादियों के खिलाफ एक ऑपरेशन में सर्वोच्च बलिदान देकर वीरता और देशभक्ति की अमर मिसाल कायम की। आज श्रीनगर में शहीद के परिवार से मुलाकात की और अपनी हार्दिक संवेदना व्यक्त की।”
–
Leave feedback about this