लखनऊ, 9 जुलाई उत्तर प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने बताया कि भारत सरकार की पहल पर उत्तर प्रदेश में प्राकृतिक खेती व कृषि विज्ञान पर 19 जुलाई को एक होटल में क्षेत्रीय परामर्श कार्यक्रम होगा।
इसमें 12 राज्यों मेजबान उत्तर प्रदेश, राजस्थान, हरियाणा, पंजाब, झारखंड, उत्तराखंड, दिल्ली, जम्मू-कश्मीर, बिहार, हिमाचल प्रदेश, लद्दाख और चंडीगढ़ के लगभग 500 प्रतिनिधि शामिल होंगे। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत होंगे।
कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने मंगलवार को पत्रकारों से चर्चा में बताया कि यूपी की मेजबानी में होने वाले कार्यक्रम में केंद्र, राज्य सरकारों व केंद्रशासित प्रदेशों के अधिकारी, 15 कृषि विश्वविद्यालयों के कुलपति व डीन, 180 कृषि विज्ञान केंद्रों के वैज्ञानिकों के साथ ही प्राकृतिक खेती करने वाले अग्रणी किसानों की भी सहभागिता रहेगी। यहां प्राकृतिक खेती के स्टॉल रहेंगे। वैज्ञानिक-कृषि संवाद भी होगा। आचार्य देवव्रत कुरुक्षेत्र में प्राकृतिक खेती में हुए विशेष प्रयासों से किसानों को अवगत कराएंगे।
कृषि मंत्री ने बताया कि राज्य स्तरीय प्राकृतिक खेती कार्यशाला का आयोजन 20 जुलाई को अयोध्या में आचार्य नरेंद्र देव कुमारगंज, विश्वविद्यालय में होगा। इसमें पूर्वी उत्तर प्रदेश के 25 कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक, प्राकृतिक खेती के नोडल अधिकारी, कृषि विश्वविद्यालयों के कुलपति, डीन और लगभग 250 किसान रहेंगे। योगी सरकार प्राकृतिक खेती पर बल दे रही है। सरकार ने रानी लक्ष्मीबाई केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय झांसी में प्राकृतिक खेती का लैब लगाने के लिए स्वीकृति प्रदान की है। बांदा कृषि विश्वविद्यालय में भी प्राकृतिक खेती के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर के लैब बनेंगे। यह प्राकृतिक खेती की टेस्टिंग करेंगे। दोनों लैब 25 करोड़ रुपये से तैयार होगी। एक से डेढ़ वर्ष के भीतर टेस्टिंग शुरू हो जाएगी।
उन्होंने बताया कि अमृतकाल के भारत में स्वास्थ्य व आहार परंपरा के तहत भी 19-20 जुलाई को आचार्य नरेंद्र देव कृषि विश्वविद्यालय में कार्यक्रम होगा। इसमें श्रीअन्न के आहार से बेहतर स्वास्थ्य पर भी चर्चा होगी। यहां कर्नाटक के वैज्ञानिक पद्मश्री खादर वली के शोध पर चर्चा होगी। इसमें पूर्व राज्यसभा सांसद आरके सिन्हा, कृषि वैज्ञानिक, श्रीअन्न की खेती करने वाले किसान, एफपीओ, प्रॉसेसर्स भी रहेंगे। इसी के तहत श्रीअन्न को लेकर 26 जुलाई को बांदा कृषि विश्वविद्यालय में भी कार्यशाला होगी।
कृषि मंत्री ने बताया कि योगी सरकार ने दलहन व तिलहन की खेती पर निरंतर विशेष पहल की है। 2016-17 में 12.40 लाख मीट्रिक टन तिलहन उत्पाद होता था। पिछले साल का उत्पादन 28.16 लाख मीट्रिक टन रहा। योगी सरकार आने के बाद यूपी में 15.75 लाख मीट्रिक टन उत्पादन बढ़ा है। दलहन का उत्पादन 23.94 लाख मीट्रिक टन से बढ़कर 32.53 मीट्रिक टन हो गया। विगत वर्षों की तुलना में दलहन का उत्पादन लगभग साढ़े आठ लाख मीट्रिक टन बढ़ा है। देश के भीतर अभी भी 1 लाख 30 हजार करोड़ रुपये का तिलहन और 25-30 हजार करोड़ दलहन का आयात होता है। खरीफ रोपाई व बोआई कार्यक्रम चल रहा है। इस साल 34.75 लाख हेक्टेयर में फसलें लगाई गई हैं। इस वर्ष 102 लाख हेक्टेयर का लक्ष्य है। इसके मुकाबले लगभग 35 फीसदी क्षेत्र आच्छादित हुआ है। गत वर्ष इस समय तक 29.63 फीसदी आच्छादन हुआ था।