नगर निगम, यमुनानगर-जगाधरी (एमसीवाईजे) ने संपत्ति कर का भुगतान न करने पर एक इंजीनियरिंग कॉलेज सहित 13 संपत्तियों को सील कर दिया। इन संपत्ति मालिकों पर एमसीवाईजे का 49.33 लाख रुपये का संपत्ति कर बकाया था। इनमें से पाँच संपत्तियाँ जगाधरी ज़ोन में और आठ यमुनानगर ज़ोन में थीं।
जानकारी के अनुसार, कुछ महीने पहले एमसीवाईजे ने एक लाख रुपये से अधिक संपत्ति कर बकाया रखने वाले संपत्ति मालिकों को नोटिस जारी किए थे। नोटिस मिलने के बाद कुछ संपत्ति मालिकों ने कर का भुगतान तो कर दिया, लेकिन बकायादारों की संपत्तियां सील की जा रही हैं।
नगरीय कराधान आयुक्त महावीर प्रसाद के निर्देश पर यमुनानगर और जगाधरी जोन में संपत्तियों को सील करने के लिए अलग-अलग टीमें गठित की गईं। प्राप्त जानकारी के अनुसार, क्षेत्रीय कराधान अधिकारी संजय और रघुवीर सिंह की एक टीम गुरुवार देर शाम जगाधरी स्थित एक इंजीनियरिंग कॉलेज पहुँची और कॉलेज के मुख्य द्वार को सील कर दिया। कॉलेज पर कथित तौर पर 20.55 लाख रुपये का संपत्ति कर बकाया था।
एमसीवाईजे की टीम ने गेट पर एक नोटिस भी चिपका दिया, जिसमें बिना अनुमति के सील खोलने पर कानूनी कार्रवाई की चेतावनी दी गई थी। जगाधरी ज़ोन में तीन अन्य व्यावसायिक संपत्तियों को सील किया गया। इसी तरह, यमुनानगर ज़ोन में क्षेत्रीय कराधान अधिकारी अजय वालिया और जितेंद्र मल्होत्रा के नेतृत्व में एक टीम ने जगाधरी वर्कशॉप रोड और चांदपुर के पास आठ व्यावसायिक संपत्तियों को सील किया।
महाबीर प्रसाद ने कहा कि संपत्ति कर का भुगतान न करने वालों की संपत्ति अब सील की जाएगी। उन्होंने कहा कि सीलिंग की कार्रवाई से बचने के लिए, संपत्ति मालिकों को अपना बकाया संपत्ति कर जमा करना होगा। उन्होंने आगे कहा कि जिन लोगों की संपत्ति सील की गई है, उन्हें कई बार नोटिस जारी करके चेतावनी दी गई है।
महाबीर प्रसाद ने बताया, “कर न चुकाने पर बकायादारों को सुनवाई के लिए एमसीवाईजे कार्यालय बुलाया गया था। सुनवाई के बाद भी संपत्ति कर न चुकाने पर सीलिंग की कार्रवाई की गई। जिन लोगों पर एक लाख रुपये से अधिक का संपत्ति कर बकाया है, उनकी संपत्ति सील की जाएगी।”
उन्होंने कहा कि सीलिंग की कार्रवाई से बचने के लिए संपत्ति मालिकों को अपना संपत्ति कर अदा करना चाहिए।


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