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शिमला के चौपाल में बारिश से 1,300 सेब के पेड़ और 100 मीटर सड़क बह गई

1,300 apple trees and 100 meters of road washed away due to rain in Shimla's Chaupal.

शिमला, 12 अगस्त शिमला जिले के चौपाल उपमंडल में भारी बारिश ने कहर बरपाया, जहां पौड़िया पंचायत में लगभग 1,300 सेब और 70 नाशपाती के पेड़ बह गए तथा आज तड़के भारी भूस्खलन के कारण पंचायत को नेरवा, चौपाल और शिमला से जोड़ने वाली संपर्क सड़क का 100 मीटर हिस्सा क्षतिग्रस्त हो गया।

इस घटना में किसी के हताहत होने की खबर नहीं है। रिपोर्ट के अनुसार, सुबह करीब 4 बजे हुए भूस्खलन में 10 ग्रामीणों के सेब के बगीचे नष्ट हो गए। ये बगीचे तारापुर गांव के निवासी अमर सिंह, प्रताप सिंह, मोहन सिंह, ज्ञान सिंह, जोगिन्दर सिंह टोर्टा, बलबीर सिंह टोर्टा, प्रकाश, श्याम, नरेश कुमार और पौड़िया पंचायत के सराहन गांव के निवासी सुंदर सिंह के थे। इसके अलावा भूस्खलन में चेत राम की 300 सेब की पेटियां बह गईं। नुकसान का आकलन करने के लिए राजस्व और लोक निर्माण विभाग के अधिकारी मौके पर पहुंचे।

शिमला के चौपाल उपमंडल की पौड़िया पंचायत में सेब के बगीचे बह गए। ट्रिब्यून फोटो
पौडिया पंचायत के प्रधान तपिंदर मोहन ने बताया कि इस घटना में सेब और नाशपाती के पेड़ बह जाने से बागवानों को सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है। उन्होंने बताया कि सेब के ये पेड़ करीब 10 साल पहले लगाए गए थे और इनसे फल पहले ही कट चुके हैं।

उन्होंने कहा, “करीब 10,000 सेब की पेटियाँ बाज़ार में ले जाने के लिए तैयार हैं। पंचायत को नेरवा, चौपाल और शिमला जैसे शहरों से जोड़ने वाली सड़क का 100 मीटर का हिस्सा बह जाने के कारण बागवान अपनी उपज को बाज़ार में नहीं ले जा पा रहे हैं।” उन्होंने कहा कि बागवानों ने राज्य सरकार से जल्द से जल्द सड़क की मरम्मत करने की अपील की है।

शिमला के डीसी अनुपम कश्यप ने कहा कि जिला प्रशासन घटना में हुए नुकसान का आकलन कर रहा है। उन्होंने लोगों से अप्रत्याशित मौसम में सतर्क रहने की अपील की और नदियों के पास न जाने और अनावश्यक यात्रा से बचने की सलाह दी।

शिमला जाने वाली सड़क क्षतिग्रस्त पंचायत को नेरवा, चौपाल और राज्य की राजधानी जैसे शहरों से जोड़ने वाली सड़क का 100 मीटर हिस्सा बह जाने के कारण बागवान अपनी उपज को बाजार तक नहीं ले जा पा रहे हैं।” – तपिंदर मोहन, पौड़िया पंचायत प्रधान

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