चंडीगढ़, 21 मई, 2025 – हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने आज जेल विभाग में बड़े पैमाने पर भर्ती अभियान की घोषणा करते हुए कहा कि राज्य की न्यायिक एवं सुधारात्मक प्रणाली को और मजबूत करने के लिए जेल वार्डरों के लगभग 1,300 पद शीघ्र ही भरे जाएंगे।
इसके अलावा, जेल विभाग में मेडिकल और पैरामेडिकल के रिक्त पदों के साथ-साथ करनाल में नवनिर्मित जेल प्रशिक्षण अकादमी के लिए आवश्यक स्टाफ के पदों को भी शीघ्र ही भरा जाएगा।
मुख्यमंत्री ने करनाल में जेल प्रशिक्षण अकादमी का उद्घाटन करने के बाद ये घोषणाएँ कीं, जिसका उद्देश्य जेल कर्मियों को सुधार, पुनर्वास और आधुनिकीकरण पर ध्यान केंद्रित करते हुए व्यापक प्रशिक्षण प्रदान करना है। 6.5 एकड़ में फैली और 30.29 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित इस अकादमी में ऊर्जा-कुशल और तापमान-अनुकूलित तकनीकों का उपयोग किया गया है।
उन्होंने यह भी घोषणा की कि पंचकूला, दादरी और फतेहाबाद में लगभग 300 करोड़ रुपये की लागत से नई जेलों का निर्माण किया जाएगा। इसके अलावा, करनाल जिला जेल परिसर में एक गौशाला भी शुरू की जाएगी।
उपस्थित जनसमूह को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि नई जेल प्रशिक्षण अकादमी सुधार प्रणाली में परिवर्तनकारी दृष्टिकोण की शुरुआत है।
उन्होंने कहा, “यह सिर्फ़ एक इमारत का उद्घाटन नहीं है, यह नज़रिए में बदलाव है, एक नई दृष्टि की शुरुआत है। हमारी जेलें सिर्फ़ सज़ा का केंद्र नहीं, बल्कि बदलाव, पुनरुद्धार और पुनर्निर्माण का केंद्र बननी चाहिए।”
उन्होंने कहा कि नवनिर्मित अकादमी में नए भर्ती हुए लोगों के लिए प्रारंभिक प्रशिक्षण तथा मौजूदा कर्मचारियों के लिए पुनश्चर्या पाठ्यक्रम उपलब्ध कराए जाएंगे, जिससे यह सुनिश्चित होगा कि जेल विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों को आधुनिक प्रौद्योगिकियों, मानवाधिकारों तथा कैदी सुधार के मनोवैज्ञानिक पहलुओं में प्रशिक्षित किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि बदलते समय के साथ, यह आवश्यक है कि हमारे जेल कर्मचारियों को न केवल अनुशासन के साधन प्रदान किए जाएं, बल्कि उनमें सहानुभूति, न्याय और सामाजिक पुनर्वास की भावना भी विकसित की जाए।
प्रधानमंत्री के नेतृत्व में भारत बदल रहा है
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में भारत गहन परिवर्तन के दौर से गुजर रहा है।
उन्होंने कहा कि देश तेजी से विकसित और तकनीकी रूप से सशक्त भारत बनने की ओर अग्रसर है। इसका एक ताजा उदाहरण ऑपरेशन सिंदूर के दौरान देखने को मिला, जहां दुनिया ने भारत की तकनीकी विशेषज्ञता, परिचालन दक्षता और रणनीतिक कौशल को मान्यता दी।
उन्होंने कहा कि प्रौद्योगिकी शासन और लोक प्रशासन में पारदर्शिता और जवाबदेही बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।
डिजिटल इंडिया के लक्ष्यों के अनुरूप हरियाणा भी स्मार्ट जेलों की स्थापना की ओर अग्रसर है, जहां आधुनिक उपकरणों और प्रणालियों से जेल प्रबंधन में सुधार होगा। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि जैसे-जैसे भारत अमृतकाल की ओर आगे बढ़ेगा, यह अकादमी न्याय और सुधार प्रणाली में सुधार और नवाचार का एक स्तंभ बनकर उभरेगी।
इससे पहले, मुख्यमंत्री ने जेल के कैदियों द्वारा बनाए गए विभिन्न उत्पादों की प्रदर्शनी का भी अवलोकन किया।
मुख्यमंत्री के नेतृत्व में जेल सुधारों को प्राथमिकता दी गई: डॉ. अरविंद शर्मा
इस अवसर पर बोलते हुए सहकारिता एवं जेल मंत्री डॉ. अरविंद शर्मा ने मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी के नेतृत्व में जेल विभाग द्वारा की जा रही प्रगतिशील पहलों की सराहना की। उन्होंने कहा कि हरियाणा की जेलों का आधुनिकीकरण किया जा रहा है तथा उन्हें नवीनतम तकनीक से सुसज्जित किया जा रहा है, ताकि समग्र प्रबंधन में सुधार हो तथा बेहतर पुनर्वास परिणाम सुनिश्चित हो सकें।
जेलों की उभरती भूमिका पर प्रकाश डालते हुए डॉ. शर्मा ने कहा कि आज जेल सिर्फ बंदीगृह नहीं रह गए हैं, बल्कि वे परिवर्तन के स्थान हैं, जहां से कैदी सुधरकर बेहतर इंसान बनकर निकलते हैं।
उन्होंने कहा कि कैदी जेल प्रणाली के भीतर शुरू किए गए विभिन्न कौशल-आधारित कार्यक्रमों के माध्यम से जेल राजस्व में सक्रिय रूप से योगदान दे रहे हैं। डॉ. शर्मा ने मुख्यमंत्री से साप्ताहिक गीता श्लोक सत्र शुरू करने पर विचार करने और राज्य की सभी जेलों में नियमित योग कक्षाएं आयोजित करने को सुनिश्चित करने का भी आग्रह किया।
राज्य सरकार जेल विभाग के आधुनिकीकरण के लिए उन्नत तकनीकों में निवेश कर रही है – डॉ. सुमिता मिश्रा
गृह एवं जेल विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ. सुमिता मिश्रा ने जेल प्रशिक्षण अकादमी की स्थापना पर गर्व व्यक्त करते हुए इसे मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी के दृष्टिकोण और समर्थन से साकार हुई एक प्रतिष्ठित परियोजना बताया।
उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि ऐसी आधुनिक और विशिष्ट जेल प्रशिक्षण सुविधा पड़ोसी राज्यों में उपलब्ध नहीं है, तथा संभवतः यह उत्तर भारत में अपनी तरह की पहली सुविधा होगी। डॉ. मिश्रा ने कहा कि राज्य सरकार जेल विभाग के आधुनिकीकरण के लिए उन्नत प्रौद्योगिकियों में सक्रिय रूप से निवेश कर रही है।
उन्होंने बताया कि राज्य की विभिन्न जेलों में 1,100 से अधिक सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं, जिससे निगरानी और सुरक्षा में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है।
उन्होंने आगे बताया कि जेलों की संबंधित अदालतों के साथ व्यापक मैपिंग की गई है, जिससे विचाराधीन कैदियों को जेल परिसर के भीतर से ही वर्चुअल तरीके से अदालत में पेश होने में सुविधा होगी। इस पहल से न केवल लॉजिस्टिक लागत कम होगी और समय की बचत होगी, बल्कि सुरक्षा भी मजबूत होगी और न्यायिक प्रक्रिया भी सुचारू होगी।
इस अवसर पर महानिदेशक, कारागार, मोहम्मद अकील ने भी बात की तथा नव स्थापित जेल प्रशिक्षण अकादमी में उपलब्ध सुविधाओं का अवलोकन प्रस्तुत किया।
इस अवसर पर विधायक जगमोहन आनंद, योगेन्द्र राणा, भगवान दास कबीरपंती, सुनील सांगवान, करनाल की मेयर रेनू बाला गुप्ता और अन्य गणमान्य व्यक्ति भी उपस्थित थे।
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