चंडीगढ़, 18 जुलाई
राज्य सरकार ने राज्य भर के 143 ब्लॉकों में प्लास्टिक अपशिष्ट प्रसंस्करण मशीनें स्थापित करके प्लास्टिक प्रदूषण की समस्या से निपटने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया है। ये मशीनें प्लास्टिक कचरे को रीसाइक्लिंग करने और इसकी कुल मात्रा को कम करने में मदद करेंगी।
मुख्य सचिव संजीव कौशल, जिन्होंने सोमवार को यहां प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन नियमों के कार्यान्वयन और एकल-उपयोग प्लास्टिक वस्तुओं पर प्रतिबंध की समीक्षा की, ने कहा कि मशीनें, जिन्हें लगभग 16 लाख रुपये प्रति यूनिट की लागत से हासिल किया जा रहा है।
वे प्लास्टिक बैग, बोतलें और पैकेजिंग सामग्री सहित विभिन्न प्रकार के प्लास्टिक कचरे को संसाधित करने में सक्षम होंगे। उन्होंने कहा कि इन मशीनों की स्थापना हरियाणा को प्लास्टिक मुक्त राज्य बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है।
कौशल ने हरियाणा राज्य विपणन बोर्ड के अधिकारियों और पंचायती राज इंजीनियरिंग और शहरी स्थानीय निकाय विभाग के कार्यकारी अभियंता को निर्देश दिया कि वे सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (एमओआरटीएच) के मानदंडों के अनुसार सड़क निर्माण में प्लास्टिक अपशिष्ट वस्तुओं का उपयोग अनिवार्य करें। इसके बाद PWD (B और R), हरियाणा का स्थान है।
उन्होंने डीसी और एमसी आयुक्तों को प्लास्टिक प्रबंधन के लिए विशेष कार्य बल की समीक्षा बैठकें आयोजित करने का निर्देश दिया। उन्होंने बैठक से संबंधित जानकारी केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के पोर्टल पर अपडेट रखने का भी निर्देश दिया।