संसद में बुधवार को दी गई जानकारी के अनुसार, देश में 14 जुलाई तक कुल 15.45 लाख परिवार और गुजरात में 5.23 लाख परिवार रूफटॉप सोलर प्लांट लगाने से लाभान्वित हुए हैं, जिसमें ग्रामीण क्षेत्रों के परिवार भी शामिल हैं।
फरवरी 2024 में शुरू की गई प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना का एक कंपोनेंट देश के प्रत्येक जिले में मॉडल सोलर विलेज का विकास करना है।
विद्युत और नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा राज्य मंत्री श्रीपद येसो नाइक ने लोकसभा में एक लिखित जवाब में बताया, “इस कंपोनेंट के लिए 800 करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं, जिसमें प्रत्येक मॉडल विलेज के लिए एक करोड़ रुपए की केंद्रीय वित्तीय सहायता का प्रावधान है।”
इसके अलावा, उन्होंने बताया कि ‘स्थानीय निकायों को प्रोत्साहन’ कंपोनेंट के अंतर्गत, इस योजना में शहरी स्थानीय निकायों (यूएलबी) और ग्राम पंचायत स्तर पर पंचायत राज संस्थाओं (पीआरआई) के संबंधित अधिकार क्षेत्र में प्रत्येक रूफटॉप सौर ऊर्जा स्थापना के लिए 1,000 रुपए का प्रोत्साहन प्रदान करने का प्रावधान है।
इस योजना का लक्ष्य केंद्रीय वित्तीय सहायता प्रदान कर आवासीय क्षेत्र के एक करोड़ घरों में रूफटॉप सौर ऊर्जा स्थापना का लक्ष्य प्राप्त करना है।
राज्य मंत्री ने कहा कि यह योजना मांग-आधारित है, जिसके तहत देश के सभी आवासीय उपभोक्ता, जिनमें स्थानीय डिस्कॉम के ग्रिड से जुड़े बिजली कनेक्शन वाले ग्रामीण क्षेत्र के उपभोक्ता भी शामिल हैं, योजना के राष्ट्रीय पोर्टल पर आवेदन करके लाभ उठा सकते हैं।
सरकार ने इस योजना को अधिक प्रभावी बनाने के लिए कई कदम उठाए हैं, जैसे रजिस्ट्रेशन से लेकर राष्ट्रीय पोर्टल के माध्यम से आवासीय उपभोक्ता के बैंक खाते में सीधे सब्सिडी के वितरण तक की ऑनलाइन प्रक्रिया, राष्ट्रीयकृत बैंकों से रेपो दर जमा 50 आधार अंकों की रियायती ब्याज दर पर कोलेटरल फ्री लोन की उपलब्धता, तकनीकी व्यवहार्यता आवश्यकता को माफ कर और 10 किलोवाट तक ऑटो लोड वृद्धि शुरू करके नियामक अनुमोदन प्रक्रिया को सरल बनाना।
इस योजना का लक्ष्य मार्च 2027 तक एक करोड़ घरों तक सौर ऊर्जा पहुंचाना है।
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