यमुनानगर, 18 अगस्त वन विभाग का कोई डर न रखते हुए, खैर की लकड़ी माफिया ने कथित तौर पर यमुनानगर जिले के कलेसर स्थित रेंज फॉरेस्ट ऑफिसर के कार्यालय से लकड़ी के 18 टुकड़े चुरा लिए।
विभाग ने चोरी के मामले में वन विभाग के वन रक्षक विकास की शिकायत पर एफआईआर दर्ज कराई है। हाल ही में प्रताप नगर थाने में भादंसं की धारा 303 के तहत दर्ज एफआईआर के अनुसार शिकायतकर्ता विकास ने बताया कि वह सात अगस्त की रात को वन क्षेत्र में गश्त पर था।
उन्होंने बताया कि जब वह अगले दिन करीब दो बजे रेंज फॉरेस्ट ऑफिसर के कार्यालय लौटे तो उन्होंने देखा कि कार्यालय के गेट के पास एक यूटिलिटी वाहन खड़ा था। उन्होंने आगे बताया कि कलेसर गांव का समीम वाहन की चालक सीट पर बैठा था तथा तीन अन्य व्यक्ति परिसर से खैर के टुकड़े वाहन पर लोड कर रहे थे।
उन्होंने बताया कि उन्होंने उन्हें पकड़ने की कोशिश की, लेकिन वे अंधेरे का फायदा उठाकर मौके से भागने में सफल रहे। उन्होंने बताया कि समीम भी यूटिलिटी वाहन लेकर भागने में सफल रहा।
शिकायतकर्ता ने पुलिस को बताया, “जब मैंने मुख्यालय परिसर में रखे खैर की लकड़ी के टुकड़ों की गिनती की तो 18 टुकड़े गायब पाए गए।” जानकारी के अनुसार, बाजार में खैर की लकड़ी की कीमत 5,000 से 7,000 रुपये प्रति क्विंटल बताई जाती है।
इसकी लकड़ी का उपयोग कत्था बनाने में किया जाता है, जिसका उपयोग पान और अन्य वस्तुओं में एक घटक के रूप में किया जाता है। प्रताप नगर थाने के प्रभारी तरसेम सिंह ने कहा कि आरोपियों को जल्द से जल्द गिरफ्तार करने के प्रयास किए जा रहे हैं।
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