दिल्ली में 1984 में हुए सिख विरोधी दंगे के पीड़ितों का इंतजार अब खत्म होने वाला है। अदालत द्वारा दोषी ठहराए गए सज्जन कुमार को 25 फरवरी को सजा सुनाई जाएगी। इससे पीड़ितों में न्याय मिलने की उम्मीद जगी है।
बलबीर कौर के पति सुरजीत सिंह के साथ 1984 में दंगे में मारपीट की गई थी। उन्होंने आईएएनएस से बातचीत में अपना वर्षों पुराना दर्द बयां किया। उन्होंने कहा, “हमलावरों ने हमारे ऊपर बहुत अत्याचार किया था। हमारे घर को लूटा और इसके बाद उन पर (सुरजीत सिंह पर) हमला कर दिया। हजारों की तादाद में लोग आए और उन्होंने हम पर हमला कर दिया। उस वक्त कई हमलावरों ने मुझ पर डंडे से भी हमला किया था। हमलावर बस यही कह रहे थे कि हम तुम्हें खत्म कर देंगे।
“उस वक्त मेरे पति ने उन हमलावरों से कहा कि आखिर आप लोग क्यों मेरी पत्नी पर हमला कर रहे हो, कम से कम उसे छोड़ दो, वह तो एक महिला है। इसके बाद उन्होंने मेरे पति को बहुत मारा। जैसे-तैसे हम खुद को बचा पाए। उस वक्त हमारे ऊपर पथराव भी किया गया। इसके बाद कुछ लोगों ने हमारी मदद की। हमें गुरुद्वारे में शरण दी। तब जाकर हम खुद को बचा पाए।”
उन्होंने कहा, “अब वह दिन आ गया है, जिसका हमें बेसब्री से इंतजार था। उन आरोपियों को कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए जिन्होंने हमारा घर उजाड़ दिया।”
इस परिवार की मदद करने वाले समाजसेवी सोनू जंडियाला ने आईएएनएस से बातचीत में कहा, “हमें कोर्ट पर विश्वास है। भारत की अदालत ऐसा फैसला लें कि दुनिया याद रखे। इन लोगों को फांसी की सजा मिले। उस समय सिखों पर बहुत अत्याचार किया गया। टायर में आग लगाकर उसे गले में टांग दिया गया था। इन लोगों को नेता नहीं, बल्कि कातिल कहना उचित रहेगा। आज बहुत सारे लोग इस दुनिया में नहीं रहे। उनकी आत्मा को शांति मिले, इसलिए जरूरी है कि इन लोगों को फांसी की सजा सुनाई जाए। इन पापियों के पाप का घड़ा भर चुका है। पहले तो आस ही मर चुकी थी, लेकिन अब आस जगी है।”
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