फिरोजपुर, 2 जून, 2025: अपराध के लगभग तीन दशक बाद एक चौंकाने वाले खुलासे में, फिरोजपुर पुलिस ने एक महिला और उसके बेटे पर राजस्व अधिकारियों की मिलीभगत से ऐतिहासिक भारतीय वायु सेना की हवाई पट्टी को धोखाधड़ी से बेचने का मामला दर्ज किया है।
पुलिस के अनुसार, डुमनी वाला गांव की ऊषा अंसल और उनके बेटे नवीन चंद अंसल ने 1997 में फत्तूवाला गांव में स्थित भारतीय वायुसेना की हवाई पट्टी की जमीन को अवैध रूप से बेच दिया था।
मुख्य निदेशक, सतर्कता ब्यूरो, पंजाब (चंडीगढ़ मुख्यालय) के कार्यालय से दिनांक 20-06-2025 को जांच रिपोर्ट क्रमांक 24526/22/SM-11 प्राप्त हुई। इस रिपोर्ट में फिरोजपुर पुलिस के पत्र क्रमांक 145/2023 और फिरोजपुर सतर्कता कार्यालय के पत्र क्रमांक 519/2023 के अनुसार रक्षा भूमि की धोखाधड़ी से बिक्री का खुलासा हुआ।
जांच के अनुसार, निशान सिंह पुत्र प्रताप सिंह निवासी मोहल्ला कादियां वाला, फिरोजपुर ने शिकायत दर्ज करवाई थी। विजिलेंस इंस्पेक्टर जगदीप कौर ने फिरोजपुर विजिलेंस कार्यालय में जांच की। रिपोर्ट में पुष्टि हुई कि गांव फत्तूवाला, जिला फिरोजपुर में स्थित भारतीय वायुसेना की जमीन – जिसका माप 118 कनाल 16 मरला है – को धोखाधड़ी से बेचा गया था।
द्वितीय विश्व युद्ध में उपयोग के लिए ब्रिटिश शासन के दौरान 12.03.1945 को अधिग्रहित की गई यह भूमि भारतीय वायु सेना के कब्जे में रही और इसका उपयोग 1962, 1965 और 1971 के युद्धों के दौरान किया गया। इसके बावजूद, स्वर्गीय कृष्ण चंद अंसल की पत्नी उषा अंसल ने अपने बेटे नवीन चंद अंसल के साथ मिलकर धोखे से इस भूमि पर स्वामित्व का दावा किया और इसे बेच दिया।
यह कार्य राजस्व अधिकारियों की मिलीभगत से, जाली अभिलेखों और धोखाधड़ीपूर्ण इरादों से किया गया था। इस जांच के निष्कर्षों के आधार पर, औपचारिक मामला दर्ज करने के लिए कानूनी कार्यवाही शुरू की जा रही है।
यह भूमि जांच के दायरे में तब आई जब सेवानिवृत्त राजस्व अधिकारी निशान सिंह ने शिकायत दर्ज कराई कि भूमि के हस्तांतरण में गंभीर अनियमितताएं हैं। इसके बाद पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय ने सतर्कता ब्यूरो के मुख्य निदेशक को दावों की पुष्टि करने का आदेश दिया।
हलवारा एयरफोर्स स्टेशन के कमांडेंट ने भी 2021 में फिरोजपुर के डिप्टी कमिश्नर को शिकायत देकर जांच की मांग की थी। कई बार देरी होने के बाद हाईकोर्ट ने हस्तक्षेप करते हुए डीसी को जांच पूरी करने का निर्देश दिया। आखिरकार मई 2025 में जमीन रक्षा मंत्रालय को वापस कर दी गई।
आरोपियों के खिलाफ अब भारतीय दंड संहिता की धारा 419, 420, 465, 467, 471 और 120-बी के तहत एफआईआर दर्ज की गई है। रणनीतिक रक्षा भूमि से जुड़े इस लंबे समय से छिपे घोटाले में शामिल सभी लोगों की पहचान करने के लिए डीएसपी करण शर्मा के साथ आगे की जांच चल रही है।