January 24, 2025
National

यूपी में 2.12 करोड़ परिवारों को मिलने लगा शुद्ध पेयजल : सीएम योगी

2.12 crore families in UP started getting pure drinking water: CM Yogi

लखनऊ, 12 मार्च । उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को एक उच्चस्तरीय बैठक में जल जीवन मिशन की प्रगति की समीक्षा की और आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। ‘हर घर नल-हर घर जल’ के संकल्प के साथ प्रदेश के 2.65 करोड़ ग्रामीण परिवारों को शुद्ध पेयजल मुहैया कराने का महाभियान चल रहा है।

जल जीवन मिशन शुरू होने से पहले मात्र 5.16 लाख परिवारों को ही नल से शुद्ध पेयजल की उपलब्धता थी। लगातार प्रयासों से आज 2 करोड़ 12 लाख से अधिक परिवारों को पीने का शुद्ध पानी मिल रहा है। l उन्होंने कहा कि हर घर नल से जल पहुंचाने की यह योजना ईज ऑफ लिविंग के संकल्प को पूरा होने का सबसे बड़ा उदाहरण है। यह बड़े बदलाव का परिचायक है। यह मोदी की गारंटी है और मोदी की गारंटी यानी पूरा होने की गारंटी।

मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि बुंदेलखंड और विंध्य क्षेत्र में शुद्ध पेयजल एक सपना था। आज यह सपना साकार हो रहा है। यह दोनों ही क्षेत्र शीर्ष प्राथमिकता में हैं। अतिशीघ्र विंध्य-बुंदेलखंड के हर घर में नल से जल की सुविधा होगी। झांसी, ललितपुर, हमीरपुर, जालौन, बांदा, चित्रकूट, मीरजापुर, सोनभद्र सहित पूरे विंध्य-बुंदेलखंड में जल जीवन मिशन का कार्य आख़िरी चरण में प्रवेश कर गया है।

योगी ने कहा कि जल संचय के लिए लोगों को प्रोत्साहित किया जाएगा। जल समितियों को एक्टिव रखें। पंचायत प्रतिनिधियों का सहयोग लें। नुक्कड़ नाटकों/लघु फिल्मों के माध्यम से लोगों में जागरूकता बढाएं। रेन वॉटर हार्वेस्टिंग के लिए आम जन को जागरूक किया जाए।

उन्होंने कहा कि जल जीवन मिशन से 100 फीसद संतृप्त गांवों का-हर एक घर का पारदर्शिता के साथ सत्यापन होना चाहिए। अगर एक भी उपभोक्ता असंतुष्ट है तो उनकी अपेक्षाओं को पूरा किया जाए। हमें स्थलीय निरीक्षण की व्यवस्था को और मजबूत करना होगा। हर गांव में प्रशिक्षित प्लम्बर की तैनाती कर दी जाए।

उन्होंने कहा कि गर्मी का मौसम प्रारंभ हो रहा है। ऐसे में बुंदेलखंड और विंध्य क्षेत्र में पेयजल के वैकल्पिक प्रबंध कर लिए जाएं। वर्षा कम होने के कारण जलाशयों में अपेक्षाकृत कम पानी है। हमें समय रहते इसके लिए व्यवस्था कर लेनी चाहिए। पेयजल परियोजना के कारण जगह-जगह रोड की खुदाई हुई है। इससे आवागमन प्रभावित हो रहा है, दुर्घटना की आशंका भी बनी हुई है। कार्यदायी संस्था की यह जिम्मेदारी है कि कार्य समाप्ति के साथ ही सड़क की मरम्मत हो जाए।

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