दो किशोरों को अपने 17 वर्षीय सहपाठी को एक लाइसेंसी पिस्तौल से गोली मारने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। यह पिस्तौल एक संदिग्ध के पिता की थी। पीड़ित का एक निजी अस्पताल में इलाज चल रहा है। पुलिस जांच में अब तक पता चला है कि कक्षा 11 के तीन छात्रों के बीच स्कूल में दो महीने से चल रहा झगड़ा गुरुग्राम के सेक्टर 48 में हुए हमले का कारण बना।
एक वरिष्ठ जांचकर्ता ने कहा, “शुक्रवार की रात, आरोपियों में से एक ने पीड़ित को बाहर बुलाया और साथ में खाना खाने के बाद, वे सेक्टर 48 में आरोपी के किराए के फ्लैट पर गए, जहां उन्होंने उस पर गोली चला दी।”
जब सदर थाने की एक टीम मौके पर पहुँची, तो लड़के को उसके परिवार वाले अस्पताल ले जा चुके थे। जाँच के दौरान, फोरेंसिक और फिंगरप्रिंट विशेषज्ञों ने कमरे के अंदर एक बक्से से एक पिस्तौल, दो मैगज़ीन, पाँच ज़िंदा कारतूस, एक खाली खोल और 65 ज़िंदा कारतूसों वाली एक और मैगज़ीन बरामद की।
हथियार एक आरोपी के पिता का था, जो एक प्रॉपर्टी डीलर है। पुलिस हथियार की सुरक्षा में कथित लापरवाही के लिए उसकी भूमिका की भी जाँच कर रही है।
पीड़ित की माँ ने पुलिस को बताया कि उसका बेटा अपने एक स्कूल के दोस्त के कहने पर खेड़की दौला टोल प्लाजा के पास उससे मिलने गया था। गुरुग्राम पुलिस के प्रवक्ता संदीप कुमार ने बताया, “करीब दो महीने पहले दोनों के बीच झगड़ा हुआ था। दोस्त पीड़ित को सेक्टर 48 स्थित एक किराए के मकान में ले गया, जहाँ उसने अपने एक अन्य सहपाठी के साथ मिलकर कथित तौर पर जान से मारने की नीयत से उस पर गोली चलाई। माँ ने बताया कि उन्होंने उसे बाहर जाने से मना किया था, लेकिन वह यह कहकर चला गया कि वह जल्द ही वापस आ जाएगा।”
हरियाणा के पुलिस महानिदेशक ओपी सिंह ने कहा, “मैंने सभी एसपी और सीपी को निर्देश दिया है कि वे अपने अधिकार क्षेत्र में हथियार लाइसेंस धारकों को ऐसे खतरों के बारे में सचेत करें और हथियारों को सुरक्षित रूप से संभालने और संग्रहीत करने के तरीके पर आवश्यक प्रशिक्षण की व्यवस्था करें।”


Leave feedback about this