दयानंद महिला महाविद्यालय, कुरुक्षेत्र के कानूनी साक्षरता प्रकोष्ठ एवं महिला प्रकोष्ठ द्वारा मंगलवार को “शक्ति: बाल विवाह के खिलाफ आवाज को सशक्त बनाना” विषय पर वाद-विवाद प्रतियोगिता का आयोजन किया गया।
इस प्रतियोगिता के आयोजन का मुख्य उद्देश्य विद्यार्थियों को बाल विवाह एक सामाजिक बुराई एवं अपराध है विषय पर कानून, उनके अधिकार एवं कर्तव्यों के बारे में जागरूक करना था। विद्यार्थियों ने भाग लेकर पक्ष-विपक्ष में अपने तर्क प्रस्तुत किए तथा बाल विवाह के दुष्परिणामों एवं इसके विरुद्ध कानूनी प्रावधानों पर तर्क-वितर्क किया।
प्राचार्य डॉ. उपासना आहूजा ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि इस तरह की प्रतियोगिताओं के आयोजन से बाल विवाह के मामलों में निःसंदेह कमी आएगी। इस कुप्रथा को समाप्त करना केवल प्रशासन की ही नहीं बल्कि प्रत्येक व्यक्ति की जिम्मेदारी है। उन्होंने विद्यार्थियों से समाज में जागरूकता लाने का भी आह्वान किया।
इस प्रतियोगिता में 10 टीमों के 20 विद्यार्थियों ने भाग लिया। एम.ए. अंतिम वर्ष की छात्रा विशाखा व योगिता ने प्रथम स्थान, एम.ए. अंतिम वर्ष की छात्रा चारू व दिव्या ने द्वितीय तथा बी.ए. अंतिम वर्ष की छात्रा गुरविंदर कौर व कोमल ने तृतीय स्थान प्राप्त किया।