नई दिल्ली, सुप्रीम कोर्ट ने 2002 में अहमदाबाद की गुलबर्ग सोसाइटी में हिंसा के दौरान मारे गए कांग्रेस नेता एहसान जाफरी की पत्नी जकिया जाफरी की याचिका को शुक्रवार को खारिज कर दिया। यह याचिका गुजरात दंगे मामले में राज्य के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी और अन्य को क्लीन चिट देने वाली एसआईटी की फाइनल रिपोर्ट के खिलाफ दायर की गई थी, जिसे शनिवार को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया है।
न्यायमूर्ति ए.एम. खानविलकर और न्यायमूर्ति दिनेश माहेश्वरी और न्यायमूर्ति सी.टी. रविकुमार वाली पीठ ने गुजरात हाईकोर्ट के आदेश को बरकरार रखा और कहा कि जकिया जाफरी की ओर से दायर अपील में कोई दम नहीं है और इसे खारिज किया जाना चाहिए।
2002 में हुए दंगों की जांच के लिए एसआईटी गठित की गई थी। इस एसआईटी ने अपनी रिपोर्ट में तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी समेत 64 लोगों को क्लीन चिट दी थी।
शीर्ष अदालत ने पिछले साल दिसंबर में जाफरी की याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया था।
सुनवाई के दौरान एसआईटी की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने कहा कि शीर्ष अदालत को जाफरी की याचिका पर गुजरात उच्च न्यायालय के फैसले का समर्थन करना चाहिए।
अपनी दलील को समाप्त करते हुए रोहतगी ने कहा कि 2002 के गुजरात दंगों की जांच के खिलाफ किसी ने भी उंगली नहीं उठाई है।
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