डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट से अनुरोध किया कि वह पंजाब की एक ट्रायल कोर्ट को 2015 के बेअदबी मामलों में उनके खिलाफ कार्यवाही करने की अनुमति देने वाले अपने आदेश को स्थगित रखे।
सर्वोच्च न्यायालय ने 18 अक्टूबर, 2024 को डेरा सच्चा सौदा प्रमुख से जुड़े 2015 के बेअदबी मामलों की सुनवाई का रास्ता साफ कर दिया था। इसके लिए उसने पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय द्वारा 11 मार्च, 2024 को उनके मुकदमे पर लगाई गई रोक को हटा दिया था।
उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती देने वाली पंजाब सरकार की याचिका पर सुनवाई के दौरान, राम रहीम का प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी ने न्यायमूर्ति बीआर गवई और न्यायमूर्ति के विनोद चंद्रन की पीठ को बताया कि शीर्ष अदालत का 18 अक्टूबर, 2024 का आदेश राज्य की अपील को स्वीकार करने के समान है।
जब पीठ ने कहा कि वह मुख्य मामले की सुनवाई करेगी, रोहतगी ने पीठ से अनुरोध किया कि वह 18 अक्टूबर, 2024 के अपने आदेश को स्थगित रखे। पीठ ने कहा, “मामले को गुण-दोष के आधार पर सुने बिना आईए (अंतरिम आवेदन) में की गई प्रार्थना को स्वीकार नहीं किया जा सकता।” इसके साथ ही पंजाब सरकार की याचिका पर सुनवाई के लिए 18 मार्च की तारीख तय की गई।
पंजाब के एडवोकेट जनरल गुरमिंदर सिंह ने बताया कि 18 अक्टूबर 2024 का अंतरिम आदेश आरोपी पक्ष की मौजूदगी में पारित किया गया था। सिंह ने कहा कि आरोपी ने पहले ही अपना जवाब दाखिल कर दिया है, इसलिए उन्होंने जवाब दाखिल करने के लिए चार सप्ताह का समय मांगा। अदालत ने राज्य सरकार को तीन सप्ताह में जवाब दाखिल करने को कहा।
रोहतगी ने कहा कि पंजाब राज्य ने मामले सीबीआई को सौंप दिए, जो उनकी जांच कर रही थी और दो साल बाद अचानक पंजाब विधानसभा ने केंद्रीय जांच एजेंसी को दी गई सहमति वापस लेने का प्रस्ताव पारित कर दिया।
रोहतक की सुनारिया जेल में बंद इस व्यक्ति को हाल ही में हरियाणा सरकार ने 20 दिन की पैरोल दी थी। फिलहाल वह फिर से 30 दिन की पैरोल पर बाहर है।
18 अक्टूबर, 2024 का आदेश तब आया था जब पंजाब के महाधिवक्ता ने शीर्ष अदालत से फरीदकोट के बाजाखाना पुलिस स्टेशन में दर्ज तीन मामलों में मुकदमे पर रोक लगाने वाले उच्च न्यायालय के आदेश को रद्द करने का आग्रह किया था।
सर्वोच्च न्यायालय ने 28 फरवरी, 2023 को गुरमीत राम रहीम और सात अन्य के खिलाफ 2015 के बरगारी गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी से संबंधित तीन मामलों में उनकी जान को बढ़ते खतरे के मद्देनजर मुकदमे को फरीदकोट से चंडीगढ़ स्थानांतरित करने का आदेश दिया।
अदालत ने आरोपी द्वारा दायर याचिका को पंजाब से बाहर स्थानांतरित करने की अनुमति दे दी थी, क्योंकि यह बताया गया था कि प्रदीप सिंह कटारिया उर्फ राजू ढोढ़ी – एक डेरा अनुयायी और बेअदबी मामलों में एक आरोपी – की नवंबर 2022 में फरीदकोट में हत्या कर दी गई थी। अज्ञात हमलावरों द्वारा हत्या किए जाने के समय कटारिया जमानत पर थे।
डेरा सच्चा सौदा प्रमुख ने पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर राज्य सरकार की सितंबर 2018 की अधिसूचना को चुनौती दी थी जिसमें सीबीआई से मामले वापस लेने की बात कही गई थी और केंद्रीय जांच एजेंसी को जांच करने का निर्देश देने की मांग की थी।
11 मार्च, 2024 को उच्च न्यायालय ने मामले को एक बड़ी पीठ को भेज दिया ताकि यह निर्धारित किया जा सके कि क्या राज्य सरकार द्वारा सीबीआई जांच के लिए दी गई सहमति बाद में वापस ली जा सकती है।