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दिल्ली में 228 मिमी बारिश, कई जगह जलजमाव, ग्राउंड जीरो पर पहुंची पीडब्ल्यूडी मंत्री नई दिल्ली, 30 जून (आईएएनएस)। दिल्ली में कनॉट प्लेस के निकट मिंटो ब्रिज इलाके में जलजमाव से हजारों वाहन चालकों को परेशानी का सामना करना पड़ा। बारिश के बाद मुख्य सड़क मार्ग बाधित हुआ। जाम की स्थिति भी बनी रही। यही कारण रहा कि रविवार को दिल्ली की पीडब्ल्यूडी मंत्री आतिशी ने उच्चाधिकारियों के साथ मिंटो ब्रिज अंडरपास स्थित पंप हाउस का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने पंप हाउस की क्षमता बढ़ाने के निर्देश अधिकारियों को दिए। दिल्ली सरकार का कहना है कि मानसून के दौरान सामान्य दिनों में दिल्ली में 20-25 मिमी बारिश होती है। दो-तीन साल पहले तक मिंटो ब्रिज अंडरपास पर कम बारिश में ही जलजमाव हो जाता था। पीडब्ल्यूडी का कहना है कि उन्होंने यहां एक अतिरिक्त ड्रेनेज लाइन बनाई। इमरजेंसी अलार्म सिस्टम सहित ऑटोमैटिक पंप तैनात किए। इस कारण यहां 100 मिमी से ज्यादा बारिश होने के बाद भी जलजमाव नहीं हुआ। लेकिन, इस साल 24 घंटे में ही 228 मिमी बारिश हुई, जो दिल्ली में मानसून के दौरान होने वाली कुल बारिश का 25 प्रतिशत है। ऐसे में इस अप्रत्याशित बारिश के कारण अंडरपास में जलजमाव की समस्या सामने आई। भारी बारिश के कारण मिंटो ब्रिज अंडरपास पर तैनात पंपों को पानी निकालने में समय लगा। इस कारण जलजमाव की समस्या रही। यहां दोबारा ऐसी स्थिति उत्पन्न न हो, इसे लेकर रविवार को पीडब्ल्यूडी मंत्री आतिशी ने विभाग के उच्चाधिकारियों के साथ पंप हाउस का निरीक्षण किया। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि मौजूदा पंप हाउस की क्षमता और बढ़ाई जाए, जलभराव रोकने के लिए नई तकनीकों का इस्तेमाल किया जाए। वो हरसंभव कदम उठाए जाएं ताकि आगे जलजमाव न हो। दिल्ली में बीते दो-तीन दिनों में हुई बारिश के चलते कई जगहों पर जलभराव हो गया था। जिस कारण लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा है। जलजमाव के कारण दिल्ली में कई मुख्य मार्गों पर घंटों जाम भी रहा। दिल्ली के आईटीओ पर करीब दो से तीन फीट पानी भर गया। इस कारण आईटीओ पर जबरदस्त जाम लगना शुरू हो गया था। इसके साथ ही मंडी हाउस जाने वाले हनुमान मंदिर चौराहे पर तीन फीट पानी भरा हुआ था, जिसके बाद सड़क बंद कर दी गई थी। वहीं, अशोक रोड, फिरोजशाह रोड और कनॉट प्लेस जाने वाले लोगों को भी दिक्कत हुई। –आईएएनएस जीसीबी/एबीएम
- June 30, 2024
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राजनीतिक स्थिरता, तेजी से बढ़ती खुदरा खरीदारी एफपीआई को भारत में खरीदार बनने के लिए कर रही मजबूर मुंबई, 29 जून (आईएएनएस)। विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) का भारत में राजनीतिक स्थिरता और तेजी से बढ़ी खुदरा खरीदारी की वजह से भरोसा बढ़ा है और वह भारत में खरीदार बनने के लिए मजबूर हो रहे हैं। शनिवार को बाजार पर नजर रखने वालों ने इस बात को जोर देकर कहा। जून में इक्विटी में एफपीआई ने 26,565 करोड़ रुपये का निवेश किया है जो पिछले दो महीनों में उनकी रणनीति के बिल्कुल उलट है। क्योंकि इन दो महीनों में खरीदारी से ज्यादा बेचने पर जोर रहा था। बाजार विशेषज्ञों के मुताबिक विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों को एहसास हो गया है कि सबसे बेहतर प्रदर्शन करने वाले बाजार में बिकवाली करना गलत रणनीति होगी। उन्होंने कहा, “विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों की खरीदारी बनी रह सकती है, बशर्ते अमेरिकी बॉन्ड यील्ड में कोई तेज बढ़ोतरी न हो।” नेशनल सिक्योरिटीज डिपॉजिटरी लिमिटेड (एनएसडीएल) के जून के पहले पखवाड़े के आंकड़ों से साफ पता चलता है कि रियल्टी, टेलीकॉम और वित्तीय क्षेत्रों में विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों के द्वारा खरीदारी की जा रही है। एफपीआई आईटी, धातु, तेल एवं गैस में विक्रेता थे और उनके द्वारा वित्तीय क्षेत्र में खरीदारी जारी रहने की संभावना है। जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार डॉ वी के विजयकुमार के अनुसार, जेपी मॉर्गन बॉन्ड इंडेक्स में भारत का समावेश निश्चित रूप से सकारात्मक है। उन्होंने कहा ”2024 के लिए अब तक ऋण प्रवाह 68,674 करोड़ रुपये है। लंबी अवधि में, इससे सरकार के लिए उधार लेने की लागत कम हो जाएगी और कॉरपोरेट्स के लिए पूंजी की लागत कम हो जाएगी। यह इसलिए अर्थव्यवस्था और इक्विटी बाजार के लिए सकारात्मक है।” एफपीआई वहां बेच रहे हैं जहां इसकी कीमत अधिक है और जहां इसकी कीमत उचित है वहां खरीदी कर रहे हैं। ऐसे में विश्लेषकों का मानना है कि वर्तमान में भारतीय इक्विटी बाजार के उच्च मूल्यांकन के कारण एफपीआई प्रवाह बाधित रहेगा। –आईएएनएस जीकेटी/
- June 29, 2024
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