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2025 भारतीय नागरिक उड्डयन के लिए सीखने और परिवर्तन का दौर रहा: समीर कुमार सिन्हा

2025 will be a period of learning and transformation for Indian civil aviation: Samir Kumar Sinha

नागरिक उड्डयन मंत्रालय के अधीन नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने नई दिल्ली स्थित भारतीय विमानन अकादमी में सफलतापूर्वक सुरक्षा संगोष्ठी 2025 का आयोजन किया। संगोष्ठी का विषय था “सहयोग के माध्यम से विमानन सुरक्षा को बढ़ाना,” जिसमें नागरिक उड्डयन मंत्रालय और डीजीसीए के वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों, उद्योग जगत के नेताओं और भारत के नागरिक उड्डयन क्षेत्र के विभिन्न क्षेत्रों के विमानन पेशेवरों ने भाग लिया।

सेमिनार का उद्घाटन नागरिक उड्डयन मंत्रालय के सचिव समीर कुमार सिन्हा ने किया, जिन्होंने इस बात पर जोर दिया कि “सुरक्षा कोई निश्चित मंजिल नहीं बल्कि एक सतत यात्रा है, जिसके लिए सतर्कता, अनुपालन और जवाबदेही आवश्यक है।” उन्होंने उदाहरणों के माध्यम से सुरक्षा संबंधी महत्वपूर्ण चिंताओं को स्पष्ट रूप से समझाया।

सेमिनार के दौरान सचिव ने कहा कि भारत विश्व के तीसरे सबसे बड़े घरेलू नागरिक उड्डयन बाजार के रूप में गौरवान्वित है। पिछले एक दशक में देश के भीतर यात्री यातायात में सालाना औसतन 9 प्रतिशत की प्रभावशाली वृद्धि हुई है, जबकि माल ढुलाई में 2.9 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। हमारे बेड़े की क्षमता दोगुनी से अधिक हो गई है, जो 2014 में 395 विमानों से बढ़कर 2025 तक 844 हो जाएगी, जो इस क्षेत्र की असाधारण गति को रेखांकित करती है।

समीर कुमार सिन्हा ने जोर देते हुए कहा कि वर्ष 2025 भारतीय नागरिक उड्डयन के लिए सीखने और परिवर्तन का दौर रहा है। चुनौतियों ने हमारी सहनशीलता की परीक्षा ली है, साथ ही सुरक्षा, दक्षता और जनविश्वास बढ़ाने के हमारे संकल्प को भी मजबूत किया है। इन अनुभवों ने विमानन समुदाय को भारत में हवाई यात्रा के लिए एक सुरक्षित और अधिक सुदृढ़ भविष्य के निर्माण के नए दृढ़ संकल्प के साथ एकजुट किया है।

सचिव ने आगे कहा कि एक और क्षेत्र जिस पर प्रकाश डालना आवश्यक है और जो आज की चर्चा का हिस्सा है, वह है रखरखाव संबंधी त्रुटियों से उत्पन्न होने वाला परिचालन जोखिम। इनसे यांत्रिक दोष और प्रणालीगत विफलताएं उत्पन्न होती हैं।

डीजीसीए के महानिदेशक फैज अहमद किदवई ने सक्रिय सुरक्षा निगरानी और वैश्विक समन्वय के प्रति नियामक की प्रतिबद्धता की पुष्टि की। उन्होंने भारतीय वायुयान अधिनियम, 2024, राज्य सुरक्षा कार्यक्रम और राष्ट्रीय विमानन सुरक्षा योजना (2024-2028) के कार्यान्वयन सहित प्रमुख पहलों की रूपरेखा प्रस्तुत की।

दिनभर चलने वाले इस कार्यक्रम में तीन तकनीकी सत्र आयोजित किए गए जिनमें सुरक्षा संबंधी चुनौतियों पर चर्चा की गई, जिनमें रनवे अतिक्रमण, विमानन में सकारात्मक सुरक्षा संस्कृति और रखरखाव त्रुटि शामिल थे।

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