लखनऊ, 19 अक्टूबर। योगी सरकार के नेतृत्व में 2,250 घरेलू बायो गैस संयंत्रों की स्थापना होगी। इसके लिए प्रदेश के चार जनपद का चयन किया गया है।
2,250 घरेलू बायो गैस संयंत्रों की स्थापना के लिए सिस्टेमा बायो संस्था को शुक्रवार को पर्यावरण निदेशालय में स्वीकृति पत्र भी प्रदान किया गया।
नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए पर्यावरण निदेशालय को 2,250 घरेलू बायो गैस संयंत्र स्थापित करने का लक्ष्य सौंपा गया है। सिस्टेमा बायो संस्था अयोध्या, गोरखपुर, वाराणसी और गोंडा के ग्रामीण क्षेत्रों में संयंत्रों की स्थापना करेगी। संयंत्रों के इस्तेमाल से खाना पकाने के लिए बायो गैस के साथ कृषि के लिए उपयोगी जैविक खाद भी मिल सकेगी।
सिस्टेमा बायो संस्था को स्वीकृति प्रदान करते हुए पर्यावरण, वन व जलवायु परिवर्तन विभाग के राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. अरुण कुमार सक्सेना ने बताया कि योजना के तहत प्रत्येक बायो गैस संयंत्र की कुल लागत 39,300 रुपये है। इसमें लाभार्थी किसानों को केवल 3,990 रुपये ही अंशदान करना होगा। बाकी लागत का प्रबंध केंद्र सरकार की केंद्रीय वित्तीय सहायता और कार्बन क्रेडिट से किया जाएगा।
इस योजना का एक अनूठा पहलू यह है कि सिस्टेमा बायो संस्था द्वारा संयंत्र से उत्पन्न कार्बन क्रेडिट का विक्रय कर 20,960 रुपये की व्यवस्था की जाएगी, जिससे किसान पर आर्थिक भार कम रहेगा। यह कार्बन फाइनेंसिंग मॉडल न केवल पर्यावरण के लिए लाभकारी है, बल्कि किसानों के लिए सस्ता और टिकाऊ भी है।
सिस्टेमा बायो संस्था 10 वर्ष तक किसानों को सेवा सहायता प्रदान करेगी, ताकि संयंत्रों का सुचारू संचालन और रखरखाव सुनिश्चित किया जा सके। इस परियोजना के तहत महिलाओं, लघु एवं छोटे किसानों को प्राथमिकता दी जाएगी, जिससे उन्हें स्वच्छ और किफायती ईंधन उपलब्ध होगा।
इस योजना का मुख्य उद्देश्य राज्य में कार्बन उत्सर्जन को कम करना, कृषि में जैविक उर्वरकों का उपयोग बढ़ाना और परिवारों को स्वच्छ ईंधन के साथ-साथ अतिरिक्त आय के अवसर प्रदान करना है।