September 30, 2024
Himachal

हिमाचल प्रदेश में निर्मित 23 फार्मा दवाएं घटिया घोषित

सोलन, 22 जून केन्द्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) द्वारा आज जारी मासिक अलर्ट में विभिन्न राज्य एवं केन्द्रीय औषधि विनियामकों द्वारा राष्ट्रीय स्तर पर अवमानक घोषित की गई 52 दवाओं में हिमाचल प्रदेश में निर्मित 23 दवा नमूने शामिल हैं, जिनमें पांच इंजेक्शन के नमूने भी शामिल हैं।

औषधि नियामक ने विशेष रूप से उन इंजेक्शनों को लक्ष्य बनाया है, जो घोल की स्पष्टता और कणिका तत्वों की उपस्थिति के संबंध में औषधि एवं प्रसाधन सामग्री अधिनियम, 1940 की अनुसूची-V के अनुरूप नहीं हैं।

राज्य औषधि नियंत्रक मनीष कपूर ने कहा कि अलर्ट में शामिल सभी दवाओं के नमूनों को तुरंत बाजार से वापस ले लिया जाएगा तथा फील्ड स्टाफ को गुणवत्ता संबंधी विफलता के मामलों की जांच करने के निर्देश दिए जाएंगे।

गुणवत्ता मानकों पर खरे नहीं उतरने वाली दवाओं में मेटोप्रोलोल सक्सीनेट टैबलेट, सेफिक्सिम एक्सेटिल टैबलेट, प्रेडनिसोलोन टैबलेट, टेल्मिसर्टन टैबलेट, सेफोपेराजोन और सुलबैक्टम इंजेक्शन, पैंटाप्राजोल टैबलेट, एंब्रॉक्सोल सिरप, डेक्सामेथासोन सोडियम फॉस्फेट इंजेक्शन, डोक्लोफेनाक सोडियम और पैरासिटामोल टैबलेट, मोंटेलुकास्ट सोडियम और लेवोसेट्रीजीन हाइड्रोक्लोराइड टैबलेट, सेफ्ट्रिएक्सोन इंजेक्शन, रामिप्रिल हाइड्रोक्लोरथियाजाइड टैबलेट, जेंटामासिन सल्फेट इंजेक्शन, सेफिक्सिम ओफ्लॉक्सासिन टैबलेट, रेबेडिन टैबलेट, मोक्सटास डिस्टैब टैबलेट और ज़ेरोनैक एसपी टैबलेट शामिल हैं। इन दवाओं का इस्तेमाल एलर्जी, रक्तचाप, मधुमेह, एलर्जी, दर्द, जीवाणु संक्रमण, श्वसन रोग आदि जैसी बीमारियों के लिए किया जाता है।

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