27 अगस्त से अब तक अमृतसर के अजनाला में लगभग 50 मकान ढह चुके हैं तथा लगभग 23,000 हेक्टेयर भूमि पर खड़ी फसलें पूरी तरह नष्ट हो चुकी हैं। 27 अगस्त को उफनती रावी नदी पहली बार सीमावर्ती क्षेत्र के गांवों में घुसी थी।
रविवार को भी रामदास इलाके के दो दर्जन से ज़्यादा गाँवों में नदी का पानी बड़े पैमाने पर बह गया। अब तक इस इलाके के 93 गाँवों के 35,000 लोग बाढ़ से प्रभावित हुए हैं। अधिकारियों के अनुसार, सेना, राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) और राज्य पुलिस की टीमों ने बाढ़ प्रभावित इलाकों से 2,500 से ज़्यादा लोगों को बचाया है।
रावी नदी के तट से 10 किलोमीटर से ज़्यादा दूर स्थित रिहायशी इलाकों में पानी घुस जाने के कारण, जिन जगहों का संपर्क टूट गया है, वहाँ से लोगों को निकालने के लिए सभी तरह के वाहनों और नावों का इस्तेमाल किया जा रहा है। रविवार को एनडीआरएफ ने एक युवक को डूबने से बचाया। उपायुक्त साक्षी साहनी ने बताया कि बचाव और राहत कार्यों के लिए एनडीआरएफ की छह और सेना की 17 टीमें तैनात की गई हैं।
उन्होंने बताया कि राहत दल ने प्रभावित लोगों के बीच 35,000 पके हुए भोजन और 8,500 राशन के पैकेट पहुँचाए हैं। इसके अलावा, 5,000 पैकेट सूखा दूध भी पहुँचाया गया है। उन्होंने बताया कि 50 टन पशु चारा भी वितरित किया गया है। भारतीय मौसम विभाग के अनुसार, पिछले पाँच दिनों में 611 मिमी बारिश दर्ज की गई है।
16 स्थानों पर राहत शिविर स्थापित किए गए हैं, जहां लोगों के लिए भोजन, आवास और चिकित्सा की व्यवस्था की गई है।
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