December 20, 2024
National

भारत-चीन के विशेष प्रतिनिधियों की 23वीं बैठक बीजिंग में संपन्न, महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा

23rd meeting of special representatives of India and China concluded in Beijing, important issues discussed

नई दिल्ली, 19 दिसंबर । भारत और चीन के विशेष प्रतिनिधियों (एसआरएस) की 23वीं बैठक बुधवार को बीजिंग में आयोजित हुई। भारत की ओर से राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और चीन की ओर से वांग यी ने इस बैठक में भाग लिया। वांग यी चीन की कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीसी) केंद्रीय समिति के राजनीतिक ब्यूरो के सदस्य और विदेश मंत्री हैं।

अजीत डोभाल और वांग यी ने कई बिंदुओं पर सहमति बनाई, इनमें सीमा पर शांति बनाए रखने और द्विपक्षीय संबंधों के स्वस्थ और स्थिर विकास को बढ़ावा देना शामिल है।

विशेष प्रतिनिधियों की बैठक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच हाल ही में कज़ान में हुई मुलाकात के दौरान लिए गए निर्णय के अनुसार आयोजित की गई। इस बैठक में दोनों नेताओं ने सीमा क्षेत्रों में शांति और सौहार्द्र बनाए रखने के प्रबंधन पर निगरानी रखने और सीमा मुद्दे का एक उचित, तार्किक और आपसी स्वीकार्य समाधान खोजने के लिए जल्द से जल्द विशेष प्रतिनिधियों से मिलने का निर्णय लिया था।

विशेष प्रतिनिधियों ने सीमा मुद्दे के समाधान के लिए एक उचित, तार्किक और आपसी स्वीकार्य ढांचे की तलाश करते हुए, द्विपक्षीय संबंधों के समग्र राजनीतिक दृष्टिकोण को बनाए रखने के महत्व को दोहराया और इस प्रक्रिया में अधिक सक्रियता लाने का संकल्प लिया।

साल 2020 में भारत-चीन सीमा क्षेत्रों के पश्चिमी सेक्टर में तनाव उत्पन्न होने के बाद से यह विशेष प्रतिनिधियों की पहली बैठक थी। विशेष प्रतिनिधियों ने अक्टूबर 2024 में हुए लेटेस्ट डिसएंगेजमेंट समझौते के क्रियान्वयन की सकारात्मक पुष्टि की, जिसके परिणामस्वरूप संबंधित क्षेत्रों में गश्त और चराई की अनुमति दी गई।

दोनों विशेष प्रतिनिधियों ने भारत-चीन द्विपक्षीय संबंधों के समग्र विकास को बढ़ावा देने के लिए सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति और सौहार्द बनाए रखने के महत्व को रेखांकित किया। उन्होंने ज़मीन पर शांतिपूर्ण स्थिति सुनिश्चित करने की आवश्यकता पर बल दिया ताकि सीमा पर मुद्दे द्विपक्षीय संबंधों के सामान्य विकास में बाधा न बनें। 2020 की घटनाओं से सीख लेते हुए, उन्होंने सीमा पर शांति और सौहार्द बनाए रखने और प्रभावी सीमा प्रबंधन को आगे बढ़ाने के लिए विभिन्न उपायों पर चर्चा की। इस उद्देश्य के लिए उन्होंने संबंधित कूटनीतिक और सैन्य तंत्रों का उपयोग, समन्वय और मार्गदर्शन करने का निर्णय लिया।

विशेष प्रतिनिधियों ने आपसी हितों से जुड़ी द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर विचारों का आदान-प्रदान किया। उन्होंने कैलाश मानसरोवर यात्रा फिर से शुरू करने, सीमा पार नदियों पर डेटा साझा करने और सीमा व्यापार सहित सीमा पार सहयोग तथा आदान-प्रदान के लिए सकारात्मक दिशा-निर्देश प्रदान किए। दोनों ने क्षेत्रीय और वैश्विक शांति एवं समृद्धि के लिए स्थिर, अनुमानित और सौहार्दपूर्ण भारत-चीन संबंधों के महत्व पर सहमति जताई।

इस वार्ता के बाद एनएसए अजित डोभाल ने पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चीन के उपराष्ट्रपति महामहिम हान झेंग से मुलाकात की। वहीं उन्होंने वांग यी को अगले दौर की विशेष प्रतिनिधि बैठक आयोजित करने के लिए पारस्परिक रूप से सुविधाजनक तिथि पर भारत आने का निमंत्रण दिया।

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