इस्लामाबाद, पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में रिकॉर्ड तोड़ मानसूनी बारिश के कारण आई विनाशकारी बाढ़ से 24 लाख से ज्यादा लोग प्रभावित हुए हैं और एक हजार से ज्यादा गांव जलमग्न हो गए हैं। स्थानीय मीडिया ने प्रांतीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (पीडीएमए) के हवाले से कहा कि यह क्षेत्रीय इतिहास की सबसे भीषण बाढ़ आपदाओं में से एक है।
पीडीएमए के महानिदेशक इरफान अली काठिया ने सोमवार को कहा कि भारी बारिश और उफनती नदियों के कारण पूरे प्रांत में 3,100 से ज्यादा गांव और लगभग 2,900 बस्तियां जलमग्न हो गई हैं।
लगातार मानसूनी बारिश और बाढ़ के पानी ने पूरे पाकिस्तान में खेतों को बर्बाद कर दिया है। कटाई के लिए तैयार फसलें नष्ट हो गई हैं, जिससे देश में खाद्य संकट और मुद्रास्फीति की चिंताएं बढ़ गई हैं।
पाकिस्तान के प्रमुख दैनिक अखबार द एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट के अनुसार, देश के सबसे बड़े प्रांत में पिछले सप्ताह आई विनाशकारी बाढ़ से सैकड़ों गांव, स्कूल और स्वास्थ्य केंद्रों में पानी भर गया है। मवेशी बह गए और किसानों की फसलें बर्बाद हो गईं। बड़े पैमाने पर लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेजा गया है।
पाकिस्तान में यूएन रेजिडेंट और मानवीय समन्वयक मोहम्मद याह्या ने बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा करने के बाद सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, “यह सामान्य नहीं है। जलवायु परिवर्तन के कारण मानसून अब पूरे पाकिस्तान के लिए भय और तबाही लेकर आ रहा है।”
पंजाब के हाफिजाबाद में जलमग्न खेतों का एक वीडियो शेयर करते हुए उन्होंने लिखा, “जहां तक नजर जाती है, वहां तक धान के खेत बाढ़ की चपेट में हैं। किसानों को अब अगले बुआई सीजन तक बिना फसल या आय के रहना होगा।”
याह्या ने कहा, “यह तो बस शुरुआत है। आने वाले हफ्तों में और तेज बारिश हो सकती है। जैसे-जैसे पानी दक्षिण की ओर बढ़ेगा, इससे परिवारों के विस्थापन और विनाश का खतरा और ज्यादा पैदा होगा।”
पाकिस्तानी अधिकारियों ने चेतावनी दी है कि बढ़ते जलस्तर की वजह से चिनाब नदी का पानी मंगलवार को पंजाब के मुल्तान जिले तक पहुंच सकता है और रावी नदी के जल में मिल सकता है।
पीडीएमए के अनुसार, पंजाब में पंजनद नदी का जलस्तर 5 सितंबर को अपने चरम पर पहुंचने की आशंका है, जबकि सतलुज नदी का पानी सुलेमानकी और हेड इस्लाम सहित बैराजों की ओर बढ़ रहा है।
पूरे पंजाब प्रांत में दो और दिनों तक मानसूनी बारिश का अनुमान है, जिससे राहत अभियान बाधित हो सकते हैं।
रिपोर्ट के मुताबिक पंजाब प्रांत के मैदानी इलाकों में 100 से 200 मिमी के बीच भारी बारिश के कारण आई भीषण बाढ़ में कम से कम 164 लोगों की जान चली गई, जबकि 582 अन्य घायल हो गए।
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