हरियाणा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (एचएसपीसीबी) के क्षेत्रीय कार्यालय ने नियमों का पालन न करने पर 25 फैक्ट्रियों को सील कर दिया और उनके बिजली कनेक्शन काट दिए। गौरतलब है कि बोर्ड ने पाया कि इनमें से कुछ फैक्ट्रियां चालू थीं, जिन्हें कुछ दिन पहले इसी कारण से सील भी किया गया था।
यह कार्रवाई हरियाणा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, नगर एवं ग्राम नियोजन, यूएचबीवीएन, पुलिस और पंचायत विभागों की संयुक्त टीम द्वारा शिकायतों पर कार्रवाई करते हुए गुरुवार को फैक्ट्रियों का निरीक्षण करते समय की गई।
एचएसपीसीबी के सहायक पर्यावरण अभियंता अमित कुमार ने बताया कि बहादुरगढ़ और जिले के अन्य स्थानों पर कुल 65 प्रदूषणकारी इकाइयों को सील कर दिया गया है और उनकी बिजली आपूर्ति काट दी गई है। उन्होंने बताया कि प्रदूषणकारी इकाइयों के खिलाफ कार्रवाई के बाद जिले के वायु गुणवत्ता सूचकांक में काफी सुधार हुआ है।
उपायुक्त प्रदीप दहिया ने कहा कि प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए न केवल दोषी इकाइयों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा रही है, बल्कि लोगों को उन गतिविधियों के बारे में जागरूक भी किया जा रहा है, जिनसे वायु गुणवत्ता खराब हो रही है। उन्होंने कहा कि प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए नागरिकों की भागीदारी जरूरी है।
डीसी ने कहा, “वाहनों से होने वाले प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए पुराने डीजल और पेट्रोल वाहनों पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। साथ ही, सार्वजनिक परिवहन को बढ़ावा देने के लिए विशेष प्रयास किए जा रहे हैं। सड़कों पर पानी का छिड़काव किया जा रहा है और धूल को नियंत्रित करने के लिए एंटी-स्मॉग गन का इस्तेमाल किया जा रहा है।”
इस दौरान दहिया ने संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे मुख्यमंत्री की घोषणाओं के तहत करवाए गए कार्यों का उपयोगिता प्रमाण पत्र (यूसी) अवश्य भेजें। इसके अलावा, सभी विभाग अपने से संबंधित विकास कार्यों को पोर्टल पर अपडेट करें ताकि वास्तविक स्थिति का पता चल सके।
डीसी ने अधिकारियों को मुख्यमंत्री की घोषणाओं के तहत किए गए कार्यों को जल्द से जल्द पूरा करने के निर्देश भी दिए। उन्होंने कहा, “विकास कार्यों में गुणवत्ता को लेकर किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। अगर किसी भी स्तर पर कोई बाधा आती है तो तुरंत मेरे कार्यालय को सूचित किया जाए। ये विकास कार्य क्षेत्र की तरक्की के लिए बहुत जरूरी हैं।”