कौशांबी (उत्तर प्रदेश), 17 अप्रैल । कैराना की इकरा हसन के बाद पुष्पेंद्र सरोज दूसरे सपा उम्मीदवार हैं, जो सीधे लंदन से यूपी की सियासी रणभूमि में उतरे हैं।
लंदन की क्वीन मैरी यूनिवर्सिटी का यह युवा स्नातक अपनी उम्मीदवारी की औपचारिक घोषणा से पहले ही प्रचार करना और समाज भर के लोगों से जुड़ना शुरू कर दिया है। 2019 के चुनाव के दौरान अपने पिता इंद्रजीत सरोज की हार का बदला लेने का प्रयास करने के लिए यहां आया है।
ठीक 25 साल पूरे होने पर पुष्पेंद्र सरोज कौशांबी संसदीय सीट से समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार के रूप में राजनीतिक मैदान में उतरे हैं।
वह पांच बार के विधायक और यूपी के पूर्व कैबिनेट मंत्री इंद्रजीत सरोज के बेटे हैं।
लेखांकन और प्रबंधन में बीएससी करने के लिए लंदन जाने से पहले देहरादून के वेल्हम बॉयज़ स्कूल में अपनी स्कूली शिक्षा पूरी करने वाले पुष्पेंद्र कहते हैं, “आज युवाओं और आम लोगों के सामने सबसे बड़ा मुद्दा बेरोजगारी और मुद्रास्फीति और युवाओं की भागीदारी है। इन समस्याओं को प्रभावी ढंग से हल करने के लिए राजनीति जरूरी है। मैं निर्वाचित होने पर इन मुद्दों को संसद में प्रभावी ढंग से उठाने के लिए प्रतिबद्ध हूं।”
पुष्पेंद्र देश की सेवा के लिए राजनीतिक क्षेत्र में आने वाले युवाओं के बड़े पैरोकार हैं।
उन्होंने कहा, “जब तक युवा राजनीति में नहीं आएंगे, वे बदलाव लाने की उम्मीद कैसे कर सकते हैं? उन्हें अपने स्वयं के मुद्दों का समाधान करना चाहिए और जल आपूर्ति, स्वच्छता, बिजली और बुनियादी ढांचे के विकास जैसे क्षेत्रों पर फोकस करना चाहिए। मैं समाज के सभी वर्गों के लिए समावेशिता और न्याय में दृढ़ विश्वास रखता हूं, जैसा कि मेरे पिता ने मुझे सिखाया है, जिन्होंने मेरी राजनीतिक विचारधारा को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।”
पुष्पेंद्र का कहना है कि राजनीति उनके लिए कोई पेशा नहीं, बल्कि लोगों की सेवा है।
एसपी नेताओं का कहना है कि पुष्पेंद्र की उम्मीदवारी इस बात का एक और संकेत है कि पार्टी उन युवा नेताओं को तरजीह दे रही है, जो युवाओं की आकांक्षाओं और समस्याओं के साथ बेहतर तालमेल रखते हैं।