सागरमाला स्कीम के तहत 272 रोड और रेल प्रोजेक्ट्स हैं, जिनको सड़क, परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय, रेल मंत्रालय, प्रमुख बंदरगाहों और निजी क्षेत्र की कंपनियों द्वारा पूरा किया जा रहा है। यह जानकारी सरकार द्वारा संसद में दी गई।
केंद्रीय पत्तन,पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने राज्यसभा में एक सवाल के जवाब में लिखित में कहा कि इन 272 प्रोजेक्ट्स में से 74 प्रोजेक्ट्स पूरे हो चुके हैं, 67 प्रोजेक्ट्स क्रियान्वित किया जा रहा हैं और 131 निर्माणाधीन हैं।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि सागरमाला फ्रेमवर्क के तहत समग्र नीति मार्गदर्शन और उच्च-स्तरीय समन्वय के लिए और योजना एवं परियोजनाओं के नियोजन एवं कार्यान्वयन के पहलुओं की समीक्षा के लिए एक राष्ट्रीय सागरमाला शीर्ष समिति का गठन किया गया है। पत्तन एवं पोत परिवहन मंत्रालय विभिन्न हितधारकों, जैसे केंद्र सरकार के मंत्रालयों और राज्य सरकारों के बीच तालमेल बनाने के लिए समय-समय पर समुद्री राज्य विकास परिषद (एमएसडीसी) की बैठकें आयोजित करता है।
उन्होंने बताया कि सागरमाला स्कीम के तहत, लगभग 5.79 लाख करोड़ रुपए की अनुमानित लागत वाली 839 प्रोजेक्ट्स की कार्यान्वयन के लिए पहचान की गई है। इनमें से 2.42 लाख करोड़ रुपए की कुल लागत वाली 119 प्रोजेक्ट्स सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) मोड के माध्यम से कार्यान्वित किए जा रहे हैं और शेष प्रोजेक्ट्स को इंजीनियरिंग खरीद और निर्माण (ईपीसी) मोड में सरकार द्वारा फंडिंग दी जा रही है।
राज्यसभा में एक अन्य प्रश्न के उत्तर में, सोनोवाल ने कहा कि मंत्रालय ने भारतीय समुद्री क्षेत्र के लिए एक डिजिटल सेंटर ऑफ एक्सीलेंस (डीसीओई) स्थापित करने के लिए सेंटर फॉर डेवलपमेंट ऑफ एडवांस कम्प्यूटिंग (सी-डीएसी) के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं। इसका उद्देश्य उन्नत आईटी समाधानों के माध्यम से डिजिटल परिवर्तन में तेजी लाना, इनोवेशन को बढ़ावा देना और बंदरगाह एवं जहाजरानी क्षेत्र के आधुनिकीकरण के लिए मार्ग तैयार करना है।
सोनोवाल ने कहा कि सरकार ने सागर सेतु प्लेटफॉर्म लॉन्च किया है, जिसका उद्देश्य भारतीय बंदरगाहों और शिपिंग क्षेत्र में परिचालन दक्षता, उत्पादकता और व्यापार सुगमता को बढ़ावा देना है जिससे निर्बाध निर्यात-आयात सेवाएं प्रदान की जा सकें और तेज व कागज रहित प्रक्रियाओं के माध्यम से जहाजों और कार्गो के दस्तावेजीकरण के समय को कम किया जा सके।
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