गुवाहाटी, असम के काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान में बाढ़ से बचने के लिए ऊंची जगह जाकर शरण लेने की कोशिश कर रहे तीन सुअर हिरण और एक तेंदुए सहित कम से कम चार जानवरों की तेज रफ्तार कारों की चपेट में आने से मौत हो गई। वन अधिकारियों ने बताया कि शनिवार तड़के तीन हिरण और एक तेंदुआ मारा गया।
काजीरंगा में इस मौसम में जानवरों का हाईवे पार करना और बाढ़ के दौरान पहाड़ियों की ओर बढ़ना आम बात है।
वाहन चालक अक्सर राष्ट्रीय उद्यान क्षेत्र में वाहन चलाने के लिए वन और परिवहन विभागों द्वारा लगाए गए नियमों की धज्जियां उड़ाते हैं।
पिछले कुछ दिनों से लगातार हो रही बारिश के कारण बाढ़ का पानी राष्ट्रीय उद्यान क्षेत्र में प्रवेश कर गया है।
काजीरंगा में हर साल मानसून के दौरान बाढ़ का सामना करना पड़ता है और कई जानवर या तो डूबने से या वाहनों की चपेट में आने से मर जाते हैं। शिकारी भी ऐसी स्थितियों का फायदा उठाते हैं, क्योंकि इस दौरान जानवर आमतौर पर पार्क से बाहर निकल जाते हैं।
जंगली जानवरों को सड़क हादसों से बचाने और बाढ़ के दौरान उनके मुक्त आवागमन को सुविधाजनक बनाने के लिए काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान के अधिकारियों ने हाल ही में पार्क के अंदर वाहनों की अधिकतम गति सीमा 40 किमी प्रति घंटा तय की थी। मानदंडों का उल्लंघन करने वाले वाहनों पर मोटर वाहन अधिनियम के तहत अपराध के लिए भुगतान की जाने वाली राशि के अलावा, प्रति घटना 5,000 रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा।
नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) के निर्देशों का पालन करते हुए हाल ही में पार्क में छह पशु सेंसर कैमरे लगाए गए हैं।