November 22, 2024
National

1984 के सिख विरोधी दंगों के मामले में यूपी में 3 और आरोपी गिरफ्तार

कानपुर (उत्तर प्रदेश), 1984 के सिख विरोधी दंगों की जांच के लिए गठित विशेष जांच दल (एसआईटी) ने यूपी में तीन और आरोपियों को गिरफ्तार किया है।

एसआईटी पिछले महीने से लेकर अब तक 1984 के दंगों से जुड़े जघन्य अपराधों के अलग-अलग मामलों में 22 आरोपियों को गिरफ्तार कर चुकी है।

गुरुवार को गिरफ्तार किए गए लोगों में तीन बार के पार्षद कैलाश पाल के भाई राम पाल और डबौली में एक ही परिवार के सात लोगों की हत्या के मुख्य आरोपी शामिल हैं।

विशाखा सिंह, उसकी पत्नी सिमरन कौर, बेटी गुरबचन कौर और चार बेटों की हत्या में रामपाल कथित तौर पर अपने भाई के साथ था।

केस 404/84 महेंद्र सिंह और अवतार सिंह के दो जीवित पुत्रों द्वारा दर्ज किया गया था, जिन्होंने आरोपियों की पहचान की थी और उन्हें अपनी शिकायत में नामित किया था।

एसआईटी ने तीन दिन पहले कैलाश पाल को गिरफ्तार किया था।

उप महानिरीक्षक (एसआईटी) बालेंदु भूषण सिंह ने कहा कि चंद्र प्रताप सिंह, और अनिल निगम को 188ए/84 के मामले में गिरफ्तार किया गया। दोनों पनकी इलाके में स्वर्ण सिंह और उनके बेटे गुरमेश सिंह की हत्या में शामिल थे।

इस मामले में सिंह के परिवार ने न्यायमूर्ति रंगनाथ मिश्रा आयोग के समक्ष दायर हलफनामे में छह लोगों का नाम लिया था। चार आरोपियों की मौत हो गई और दो को गिरफ्तार कर लिया गया है।

सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर तीन साल पहले एसआईटी का गठन किया गया था।

एसआईटी जघन्य अपराधों के 11 मामलों की जांच कर रहा है। अब तक 73 आरोपियों की पहचान की जा चुकी है। सिंह ने कहा कि शेष 51 आरोपियों की गिरफ्तारी के प्रयास जारी हैं।

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