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मंडी में 31 लोग अभी भी लापता, ऊबड़-खाबड़ इलाके और फिसलन भरी ढलानों के कारण बचाव कार्य मुश्किल

31 people still missing in Mandi, rescue operations difficult due to rugged terrain and slippery slopes

1 जुलाई को मंडी जिले में आई विनाशकारी बारिश से हुई आपदा के चार दिन बाद भी लापता लोगों के मिलने की उम्मीदें धूमिल होती जा रही हैं, लेकिन उनका कोई सुराग नहीं मिल पाया है। बचाव दल द्वारा चौबीसों घंटे प्रयास जारी हैं, लेकिन 31 लोगों का अभी तक पता नहीं चल पाया है।

अब तक 14 शव बरामद किए जा चुके हैं (आज कोई नहीं मिला)। राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ), राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ), जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीएमए) और स्थानीय पुलिस की टीमें अत्यंत कठिन परिस्थितियों में गहन तलाशी अभियान जारी रखे हुए हैं।

जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण से प्राप्त आंकड़ों से पता चलता है कि लापता लोगों में से 20 लोग थुनाग उपमंडल से हैं, जो सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्रों में से एक है, नौ लोग गोहर उपमंडल से और दो लोग करसोग से हैं।

अभियान में शामिल एक अधिकारी ने कहा, “ऊबड़-खाबड़ इलाका, लगातार बारिश और भूस्खलन की आशंका वाले क्षेत्र बचाव प्रयासों में गंभीर रूप से बाधा डाल रहे हैं।” फिसलन भरी ढलानें, ढह चुके रास्ते और क्षतिग्रस्त बुनियादी ढांचे ने प्रभावित गांवों तक पहुंच को बेहद चुनौतीपूर्ण बना दिया है, जिससे बचाव कर्मियों को पैदल या सीमित भारी मशीनरी की सहायता से आगे बढ़ने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है।

बादल फटने, अचानक बाढ़ आने और भारी बारिश के कारण घर और सड़कें नष्ट हो गई हैं और कई इलाके मलबे और कीचड़ की मोटी परतों के नीचे दब गए हैं। कई प्रभावित स्थान अभी भी कटे हुए हैं क्योंकि सड़कें बह गई हैं और मार्ग अवरुद्ध हो गए हैं, जिससे खोज के प्रयास और भी जटिल हो गए हैं।

लापता लोगों के परिवार आपदा क्षेत्रों और स्थानीय प्रशासन कार्यालयों के पास डेरा डाले हुए अच्छी खबर का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। हर गुजरते दिन के साथ मनोवैज्ञानिक आघात और भी भारी होता जा रहा है।

इस बीच, स्थानीय अधिकारियों ने निवासियों से सतर्क रहने और सलाह का पालन करने का आग्रह किया है। मंडी जिले में राहत कार्य अभी भी जारी है, लेकिन अब शवों को निकालने पर ध्यान केंद्रित किया गया है। उपायुक्त अपूर्व देवगन ने खोज अभियान जारी रखने के लिए प्रशासन की प्रतिबद्धता दोहराई।

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