January 24, 2025
National

नौसेना के 40 घंटे के ऑपरेशन में 35 समुद्री लुटेरों ने आत्मसमर्पण किये

35 pirates surrendered in 40-hour Navy operation

नई दिल्ली, 17 मार्च । भारतीय नौसेना ने अरब सागर में लगभग 40 घंटे चले बचाव अभियान में 35 समुद्री लुटेरों को आत्मसमर्पण के लिए मजबूर किया और पूर्व मर्चेंट शिप रुएन के चालक दल के 17 सदस्यों को बचाया।

नौसेना ने रविवार को बताया कि उसने क्षेत्र से गुजरने वाले जहाजों को अपहरण करने के सोमाली समुद्री लुटेरों के मंसूबों पानी फेरने के लिए अरब सागर में आईएनएस कोलकाता को तैनात किया था।

नौसेना ने कहा, “पूर्व मर्चेंट शिप रुएन को 15 मार्च को आईएनएस कोलकाता ने रोका। रुएन का दिसंबर 2023 में अपहरण कर लिया गया था और यह सोमालियाई समुद्री डाकुओं के नियंत्रण में था।”

इसमें कहा गया कि आईएनएस कोलकाता ने जहाज से लॉन्च किए गए ड्रोन के जरिए एमवी रुएन पर सशस्त्र समुद्री लुटेरों की मौजूदगी का पता लगाया।

नौसेना ने कहा, “एक लापरवाह शत्रुतापूर्ण कार्रवाई करते हुए समुद्री डाकुओं ने ड्रोन को मार गिराया और भारतीय नौसेना के युद्धपोत पर गोलीबारी की। आईएनएस कोलकाता ने जहाज के स्टीयरिंग सिस्टम और नेविगेशनल सहायता को निष्क्रिय कर दिया, जिससे समुद्री डाकू जहाज को रुकने के लिए मजबूर हो गये।

नौसेना के एक अधिकारी ने बताया कि भारत की मुख्य भूमि से 1,400 समुद्री मील (2,600 किमी) दूर जारी समुद्री डकैती रोधी अभियान में भारतीय नौसेना के प्रयासों को क्षेत्र में आईएनएस सुभद्रा की तैनाती और सी-17 विमान द्वारा समुद्री कमांडो (प्रहार) को एयर-ड्रॉप करके बढ़ाया गया था।

उन्होंने कहा, “समुद्री डाकू जहाज को हेल आरपीए और पी8आई समुद्री टोही विमान द्वारा निगरानी में रखा गया था। भारतीय नौसेना तरफ से 40 घंटे से अधिक समय तक के निरंतर दबाव और सुविचारित कार्रवाई के कारण, सभी 35 सोमाली समुद्री लुटेरों ने 16 मार्च को आत्मसमर्पण कर दिया, जबकि एमवी रुएन के सभी 17 मूल चालक दल के सदस्यों को बिना किसी चोट के समुद्री डाकुओं के चंगूल से सुरक्षित निकाल लिया गया।”

उन्होंने कहा कि अवैध हथियारों, गोला-बारूद और प्रतिबंधित सामग्री की संभावित मौजूदगी के लिए जहाज तलाशी ली।

नौसेना ने यह भी बताया कि 17 मार्च को मर्चेंट शिप रुएन की समुद्री योग्यता का आकलन किया जाएगा और लगभग 37,800 टन माल ले जाने वाले जहाज, जिसकी कीमत लगभग दस लाख डॉलर है, को सुरक्षित रूप से भारत लाया जाएगा।

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