पुलिस अधिकारियों ने आज यहां बताया कि साइबर धोखाधड़ी करने और हिमाचल प्रदेश राज्य सहकारी बैंक को ठगने के आरोप में मुंबई, दिल्ली, राजस्थान और उत्तर प्रदेश समेत देश के विभिन्न हिस्सों से चार लोगों को गिरफ्तार किया गया है। आरोपियों ने बैंक को 11.55 करोड़ रुपये का चूना लगाया।
राज्य साइबर अपराध के उप महानिरीक्षक (डीआईजी) मोहित चावला ने रिपोर्ट की पुष्टि की और कहा कि आगे की जांच जारी है। उन्होंने कहा कि फिलहाल पुलिस दो संदिग्धों से पूछताछ कर रही है, जिनसे अहम जानकारी हासिल की जा रही है। उन्होंने कहा कि आरोपियों के बैंक खाते फ्रीज कर दिए गए हैं।
11 मई को कुछ जालसाजों ने बैंक के मोबाइल बैंकिंग एप्लीकेशन हिमपेसा ऐप को हैक कर लिया और चंबा जिले की हल्टी शाखा के एक ग्राहक को ठगने लगे। जालसाजों ने ग्राहक के मोबाइल बैंकिंग एप्लीकेशन को हैक कर लिया और फिर अनधिकृत राष्ट्रीय इलेक्ट्रॉनिक फंड ट्रांसफर (NEFT) और रियल-टाइम ग्रॉस सेटलमेंट (RTGS) लेनदेन को अंजाम दिया। निकाली गई रकम को फिर 20 अलग-अलग बैंक खातों में ट्रांसफर कर दिया गया।
यह घटना 11 और 12 मई को हुई थी, लेकिन 14 मई को शाखा अधिकारियों को भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) से लेनदेन रिपोर्ट मिलने के बाद ही मामला प्रकाश में आया। बैंक अधिकारियों ने तुरंत पुलिस को धोखाधड़ी की सूचना दी। इसके बाद मामला राज्य के साइबर सेल को सौंप दिया गया, जिसने जांच शुरू की। इस बीच, जांच में सहायता के लिए नई दिल्ली से भारतीय कंप्यूटर आपातकालीन प्रतिक्रिया टीम (CERT-in) की एक टीम को बुलाया गया। टीम ने पता लगाया कि कैसे स्कैमर्स ने मोबाइल एप्लिकेशन को हैक किया।
जांच के दौरान पुलिस को गिरफ्तार आरोपियों से सम्पर्क का पता चला, जिन्हें देश भर के विभिन्न स्थानों से गिरफ्तार कर राज्य लाया गया। इस बीच, बैंक अधिकारियों ने ग्राहकों को आश्वस्त किया कि उनका पैसा सुरक्षित है तथा लेनदेन के माध्यम से हस्तांतरित की गई राशि पर रोक लगा दी गई है।
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