रोहतक, 31 मई महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय (एमडीयू) ने एनईपी-2020 (राष्ट्रीय शिक्षा नीति) के तहत 2024-25 सत्र के लिए विभिन्न संकायों में नए चार वर्षीय पाठ्यक्रम शुरू किए हैं। विश्वविद्यालय के अधिकारियों ने कहा कि ये पाठ्यक्रम नियमित तीन वर्षीय और पांच वर्षीय एकीकृत पाठ्यक्रमों से अलग होंगे।
कुलपति राजबीर सिंह ने कहा, ‘‘इन पाठ्यक्रमों के तहत विद्यार्थी कौशल संबंधी पाठ्यक्रमों, व्यावसायिक पाठ्यक्रमों, क्षमता संवर्धन पाठ्यक्रमों और मूल्य वर्धित पाठ्यक्रमों के अलावा चयनित विषय में एक प्रमुख पाठ्यक्रम का अध्ययन करेंगे।’’
कुलपति ने कहा कि पारंपरिक पाठ्यक्रमों के साथ-साथ ऐसे रोजगारोन्मुखी पाठ्यक्रमों को अपनाने से विद्यार्थियों को रोजगारपरक और उद्यमी बनने के लिए प्रशिक्षित किया जाएगा।
उन्होंने बताया कि चार वर्षीय स्नातक ऑनर्स पाठ्यक्रम पूरा करने के बाद विद्यार्थी एक वर्षीय स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम में प्रवेश के लिए पात्र होंगे तथा चार वर्षीय यूजी ऑनर्स विद रिसर्च पाठ्यक्रम उत्तीर्ण करने के बाद विद्यार्थी पीएचडी पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए पात्र होंगे।
उन्होंने कहा, “इन चार वर्षीय पाठ्यक्रमों के लिए शुल्क उनकी वित्तीय व्यवहार्यता पर विचार करने के बाद तय किया गया है, जिसमें संकाय सदस्यों के वेतन, प्रयोगशाला और पाठ्यक्रम से संबंधित बुनियादी ढांचे की आवश्यकताएं और पाठ्यक्रमों के लिए आवश्यक बाहरी विशेषज्ञों को मानदेय शामिल हैं।”