शहर में करीब 40 फीसदी हथियार लाइसेंसधारक अपने लाइसेंस का नवीनीकरण नहीं करा पाए हैं। डिप्टी कमिश्नर (डीसी) विनय प्रताप सिंह ने आर्म्स एक्ट के तहत यूटी द्वारा जारी किए गए हथियार लाइसेंसों की समीक्षा की।
उपायुक्त कार्यालय की शस्त्र शाखा के अनुसार, इसके अधिकार क्षेत्र में अब तक 6,100 से अधिक शस्त्र लाइसेंस जारी किए जा चुके हैं।
शस्त्र नियम, 2016 के नियम 24 के अनुसार शस्त्र लाइसेंस के नवीनीकरण के लिए आवेदन, उसकी समाप्ति से कम से कम 60 दिन पहले किया जाना चाहिए। शस्त्र अधिनियम, 1959 की धारा 21 (1) के अनुसार, कोई भी लाइसेंसधारी लाइसेंस की समाप्ति के बाद कोई भी हथियार नहीं रख सकता है और उसे ऐसे हथियार को तुरंत निकटतम पुलिस स्टेशन या लाइसेंसधारी शस्त्र विक्रेता के पास जमा करना अनिवार्य है।
डीसी ने कहा कि यह पाया गया है कि लगभग 2,500 लाइसेंसधारकों ने समाप्ति तिथि के बाद भी अपने शस्त्र लाइसेंस का नवीनीकरण नहीं कराया है।
डीसी के निर्देश पर डिफाल्टरों को शस्त्र लाइसेंस रद्द करने के लिए नोटिस जारी किए जा रहे हैं। उन्हें नोटिस के 15 दिन के भीतर अपने लाइसेंसी हथियार नजदीकी पुलिस स्टेशन या लाइसेंसी शस्त्र विक्रेता के पास जमा कराने के निर्देश दिए गए हैं। साथ ही यह भी बताने को कहा गया है कि शस्त्र अधिनियम और नियमों के उल्लंघन के लिए उनके शस्त्र लाइसेंस क्यों न रद्द या निरस्त किए जाएं।
700 से अधिक नोटिस जारी किए गए हैं तथा अगले दो सप्ताह में और नोटिस जारी किए जाएंगे। विनय प्रताप सिंह ने कहा कि शस्त्र अधिनियम और नियमों के किसी भी उल्लंघन के प्रति शून्य सहनशीलता होगी तथा उल्लंघन करने वाले शस्त्र लाइसेंसधारियों के शस्त्र लाइसेंस को निलंबित, निरस्त या रद्द किया जाएगा तथा शस्त्र अधिनियम के तहत मुकदमा चलाया जाएगा।
शस्त्र अधिनियम, 1959 के अनुसार, यदि शस्त्र लाइसेंसधारी लाइसेंस की समाप्ति के बाद भी शस्त्र जमा कराने में विफल रहता है, तो जुर्माने के साथ-साथ दो वर्ष से अधिक और पांच वर्ष तक के कारावास का प्रावधान है।
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