मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आज कहा, “हिमाचल में चल रहे मानसून के दौरान अभूतपूर्व भारी बारिश, बादल फटने और भूस्खलन के कारण 417 लोगों की जान चली गई और 4,582 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हुआ है। उन्होंने राज्य में पिछले 48 घंटों में हुई मूसलाधार बारिश से हुए नुकसान का आकलन करने के लिए यहां एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की। उन्होंने कहा कि इस मानसून के दौरान 417 लोगों की मौत हो गई है, जबकि 45 लोग अभी भी लापता हैं।”
सुखू ने जान-माल के नुकसान पर चिंता व्यक्त की और संबंधित अधिकारियों को प्रभावित लोगों की सुरक्षा और कल्याण सुनिश्चित करने के लिए त्वरित कार्रवाई करने के निर्देश दिए। उन्होंने बताया कि पिछले दो दिनों में पाँच लोगों की मौत हो गई है (तीन निहारी में और दो मंडी ज़िले के सदर उपमंडल के पंडोह मोहाल सुमा के पास) जबकि दो व्यक्ति लापता हैं।
उन्होंने बताया कि इस महीने अब तक राज्य में सामान्य से 136 प्रतिशत अधिक बारिश हुई है और पूरे मानसून सीज़न के दौरान 45 प्रतिशत अधिक बारिश हुई है। बारिश के मौसम में 15,022 ढाँचागत क्षति की सूचना मिली है, जिनमें 1,502 पूरी तरह से क्षतिग्रस्त घर, 6,467 आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त घर, 6,316 क्षतिग्रस्त गौशालाएँ और 594 क्षतिग्रस्त दुकानें शामिल हैं।
सुक्खू ने सभी उपायुक्तों को सतर्क रहने और प्रभावित क्षेत्रों का प्राथमिकता के आधार पर दौरा कर राहत एवं बचाव कार्यों की निगरानी करने के निर्देश दिए। उन्होंने लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों को राज्य के विशेष रूप से सेब उत्पादक क्षेत्रों में सड़क संपर्क जल्द से जल्द बहाल करने को कहा ताकि फल उत्पादकों की उपज समय पर बाज़ारों तक पहुँच सके और उन्हें आर्थिक नुकसान न उठाना पड़े।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को प्रभावित क्षेत्रों में बिजली, जलापूर्ति योजनाओं और अन्य आवश्यक आपूर्ति को प्राथमिकता के आधार पर बहाल करने के निर्देश दिए। उन्होंने एचपीएमसी को अपने संग्रहण केंद्रों से सेब के परिवहन के लिए अतिरिक्त वाहन तैनात करने के भी निर्देश दिए