कांगड़ा जिला प्रशासन ने मादक पदार्थों के तस्करों और नशेड़ियों की निगरानी करने, उनके बारे में जानकारी जुटाने और ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में इस खतरे के खिलाफ जन जागरूकता पैदा करने के लिए 43 नशा निवारण समितियों का गठन किया है। प्रशासन ने अकेले नूरपुर के अंतरराज्यीय सीमा पुलिस जिले में ऐसी 21 समितियों का गठन किया है, जहां मादक पदार्थों की तस्करी और अवैध व्यापार बेरोकटोक जारी है।
प्रत्येक नशा निवारण समिति, जिसका अध्यक्ष एक स्थानीय सरकारी विद्यालय का प्रधानाचार्य या प्रधानाध्यापक होता है और जिसमें आठ स्थानीय सदस्य (निवासी) और एक सदस्य सचिव (पुलिसकर्मी) शामिल होते हैं, से जिले में मादक पदार्थों की तस्करी और लत पर अंकुश लगाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने की अपेक्षा की जाती है। ऐसी समितियाँ शहरी नगर निकायों, धर्मशाला और पालमपुर नगर निगमों और कांगड़ा, बैजनाथ और नगरोटा बागवान नगर परिषदों के संवेदनशील क्षेत्रों में भी गठित की गई हैं।
प्रशासन ने नूरपुर पुलिस जिले के अधिकार क्षेत्र के तहत केवल सुलियाली, गंगथ, बटराहण, सुनेत, हटली, इंदौरा, कुलहारा, भोगरवां, घंदरां, मिलवां, बसंतपुर, डमटाल, टोकोई, छन्नी, माजरा, बेली-महंता, टोकी, सूरजपुर, घोड़ान, मोहटली और चलवाड़ा ग्राम पंचायतों में ऐसी समितियों का गठन किया है।
आधिकारिक जानकारी के अनुसार, नशा निवारण समितियाँ हर सोमवार को बैठक करेंगी ताकि स्थानीय स्तर पर मादक पदार्थों के दुरुपयोग की स्थिति का आकलन और समीक्षा की जा सके। ये समितियाँ क्षेत्र में मादक पदार्थों के तस्करों, नशेड़ियों और उनकी संदिग्ध गतिविधियों के बारे में खुफिया जानकारी जुटाएंगी और उस पर नज़र रखेंगी। समिति स्थानीय पुलिस स्टेशनों या अन्य कानून प्रवर्तन एजेंसियों के साथ समय पर जानकारी साझा करने में सहायता करेगी। समितियाँ विद्यालयों और समुदायों में नशा-विरोधी जागरूकता कार्यक्रम भी आयोजित करेंगी।
कांगड़ा के उपायुक्त हेम राज बैरवा के अनुसार, ये नशा निवारण समितियाँ न केवल नशीले पदार्थों के तस्करों और व्यसनी व्यक्तियों पर कड़ी निगरानी रखेंगी, बल्कि मादक द्रव्यों के सेवन को रोकने के लिए कार्य योजनाओं और सामुदायिक हस्तक्षेपों की भी सिफारिश करेंगी। इसके सदस्य सचिव साप्ताहिक बैठकों का विवरण उसी दिन संबंधित उपमंडल मजिस्ट्रेट (एसडीएम) को सौंपेंगे, जबकि एसडीएम अपने अधिकार क्षेत्र के अंतर्गत आने वाली समितियों की साप्ताहिक बैठकों के विवरण की समीक्षा माह के अंतिम कार्य दिवस पर करेंगे और प्रत्येक माह जिला प्रशासन को एक रिपोर्ट प्रस्तुत करेंगे।
नूरपुर एसपी कुलभूषण वर्मा ने कहा कि नशा निवारण समितियां जिले में सरकार द्वारा प्रायोजित चिट्टा विरोधी अभियान में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी और उभरती चिंताओं के समाधान के लिए कानून प्रवर्तन एजेंसियों और स्थानीय प्रशासन के साथ समन्वय स्थापित करेंगी। उन्होंने आगे कहा कि सभी 21 ग्राम पंचायतों की पहली बैठकें इस सप्ताह के आरंभ में आयोजित की जाएंगी।


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