ढाका, बांग्लादेश के चटगांव जिले में एक निजी कंटेनर डिपो में भीषण आग लगने के बाद हुए विस्फोट में सात दमकलकर्मियों सहित कुल 43 लोगों की मौत हो गई और 500 अन्य घायल हो गए। घायलों में 10 पुलिसकर्मी भी शामिल हैं। अधिकारियों ने रविवार को इसकी जानकारी दी। रात करीब साढ़े दस बजे शनिवार को सीताकुंडा में नीदरलैंड-बांग्लादेश संयुक्त उद्यम कंपनी बीएम कंटेनर डिपो लिमिटेड में आग लग गई। अधिकारियों ने बताया कि आग लगने के 40 मिनट के भीतर ही एक बड़ा धमाका हो गया और विस्फोटक रसायनों की मौजूदगी के कारण आग एक कंटेनर से दूसरे कंटेनर में फैल गई।
अग्निशमन सेवा के महानिदेशक ने कहा कि चूंकि आग अभी भी भड़की हुई है, जिसे पूरी तरह से बुझने में 24 घंटे और लग सकते हैं, इसलिए डिपो के पास जाना संभव नहीं है। स्वास्थ्य अधिकारियों ने कहा कि अब तक मृतकों में से 15 की पहचान कर ली गई है। चटगांव अग्निशमन सेवा और नागरिक सुरक्षा के सहायक निदेशक, मोहम्मद फारुक हुसैन सिकदर ने आईएएनएस को बताया, “आग बुझाने के लिए लगभग 29 अग्निशमन इकाइयां काम कर रही हैं और 50 एम्बुलेंस मौके पर तैयार हैं।”
डिपो से करीब 21 किलोमीटर दूर चटगांव मेडिकल कॉलेज अस्पताल (सीएमसीएच) में आईसीयू बेड पहले से ही भरे हुए हैं, जबकि संकट की स्थिति में डॉक्टरों की छुट्टी रद्द कर दी गई है। घायलों को सीएमसीएच और संयुक्त सैन्य अस्पताल (सीएमएच) समेत विभिन्न अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। जिले के संभागीय आयुक्त मोहम्मद अशरफ उद्दीन ने आईएएनएस को बताया कि ढाका से तैनात 150-200 सैन्यकर्मी भी मौके पर पहुंच गए हैं।
उन्होंने कहा कि आग अब 13 घंटे से भड़क रही है और अभी तक बुझाई नहीं गई है। चटगांव रेंज पुलिस के डीआईजी अनवर हुसैन ने कहा कि डिपो के अंदर अभी भी विस्फोट हो रहे हैं। संभागीय आयुक्त ने आईएएनएस को बताया कि डिपो से नालों के माध्यम से दो नहरें जुड़ी हुई हैं जो बंगाल की खाड़ी से भी जुड़ी हैं। उन्होंने कहा कि सेना की टीम डिपो से बंगाल की खाड़ी में रासायनिक रिसाव की जांच करने पर काम करेगी।
उन्होंने आगे कहा कि मृतकों के परिवारों को 50 हजार रुपये जबकि घायलों के परिजनों को 20 हजार रुपये दिए जा रहे हैं। प्रधानमंत्री शेख हसीना, राष्ट्रपति अब्दुल हमीद और संसद अध्यक्ष ने मौतों पर शोक व्यक्त किया।
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