वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) ने पंजाब के अपने दौरे के बाद पराली जलाने के कुल मामलों में मामूली गिरावट दर्ज की है, लेकिन राज्य में पराली जलाने के मामले रविवार को 4 हजार के आंकड़े को पार कर गए। रविवार को राज्य भर में पराली जलाने की कुल 440 घटनाएँ दर्ज की गईं, जिससे इस सीज़न में कुल 4,062 घटनाएँ हो गईं। पिछले साल इसी तारीख तक 6,266 मामले दर्ज किए गए थे।
मोगा में आज खेतों में आग लगने की 52 घटनाएं हुईं, जिसके बाद मनसा और फिरोजपुर में 50-50 घटनाएं हुईं। पीपीसीबी के आंकड़ों के अनुसार, राज्य में 2024 में 10,909 मामले दर्ज किए गए थे, जबकि 2023 में 36,663 मामले दर्ज किए गए थे। 2020 में 83,002, 2021 में 71,304 और 2022 में 49,922 खेतों में आग लगने की घटनाएं हुईं।
पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (पीपीसीबी) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि धान की ज़्यादातर फ़सल कट चुकी है, इसलिए कुछ ही दिनों में पराली जलाने की घटनाएँ थम जाएँगी। उन्होंने कहा, “गेहूँ की बुवाई शुरू हो गई है और हमें उम्मीद है कि इस हफ़्ते के भीतर पराली जलाने की घटनाएँ थम जाएँगी, हालाँकि हम 30 नवंबर तक स्थिति पर नज़र रखेंगे।”

