पंजाब राज्य विधि सेवा प्राधिकरण ने आज पंजाब राज्य भर में माननीय न्यायमूर्ति अश्वनी कुमार मिश्रा, न्यायाधीश, पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय और पंजाब राज्य विधि सेवा प्राधिकरण के कार्यकारी अध्यक्ष के दूरदर्शी नेतृत्व में चौथे राष्ट्रीय लोक अदालत का सफलतापूर्वक आयोजन किया।
राष्ट्रीय विधि सेवा प्राधिकरण के तत्वावधान में आयोजित इस विशाल पहल का उद्देश्य विवादों का शीघ्र, लागत प्रभावी और सौहार्दपूर्ण निपटारा करना था, जिससे भारत के संविधान के अनुच्छेद 39-ए के अनुरूप न्याय तक पहुंच को बढ़ावा मिल सके।
लोक अदालत में वादियों, न्यायिक अधिकारियों, अधिवक्ताओं और संबंधित हितधारकों की सक्रिय भागीदारी दर्ज की गई। दीवानी, वैवाहिक, संपत्ति, मोटर दुर्घटना दावों, बैंकिंग, बीमा और अन्य समझौता योग्य मामलों सहित विभिन्न प्रकार के मामलों पर सुनवाई हुई और सुलह एवं आपसी सहमति से उनका निपटारा किया गया। इस प्रक्रिया से वादियों को तत्काल राहत मिली और अदालतों में लंबित मामलों की संख्या में भी उल्लेखनीय कमी आई।
राज्य के सभी जिलों और उपमंडलों में कुल 429 लोक अदालत पीठों का गठन किया गया। इनमें से 5,11,015 मामलों की सुनवाई हुई, जिनमें से 4,54,466 मामलों का सौहार्दपूर्ण ढंग से निपटारा किया गया और 665 करोड़ रुपये के मुआवजे पारित किए गए। राष्ट्रीय लोक अदालत ने पंजाब भर में हजारों वादियों को कम समय में अपने विवादों को सुलझाने में सक्षम बनाया। एक दशक से अधिक समय से लंबित कई मामलों का सफलतापूर्वक निपटारा किया गया, जिससे अदालतों में लंबित मामलों की संख्या में काफी कमी आई।
लोक अदालत तंत्र में बढ़ते विश्वास को दर्शाते हुए, अदालतों को बैंकिंग संस्थानों, बीमा कंपनियों, सरकारी विभागों और आम जनता से जबरदस्त प्रतिक्रिया मिली।
गौरतलब है कि राष्ट्रीय लोक अदालत के दौरान, होशियारपुर जिला विधि सेवा प्राधिकरण ने भूमि विभाजन विवाद से जुड़े 16 साल पुराने दीवानी मामले का निपटारा करके एक महत्वपूर्ण सफलता हासिल की। यह मुकदमा, जो वर्ष 2009 में शुरू हुआ था और प्रारंभिक एवं अंतिम निर्णयों सहित कई चरणों से गुजर चुका था, लोक अदालत से पहले किए गए निरंतर प्रयासों के माध्यम से सौहार्दपूर्ण ढंग से सुलझा लिया गया। समझौते के अनुसार, दोनों पक्षों ने आपसी सहमति से विवादित भूमि के एक हिस्से पर स्वामित्व अधिकार को मौद्रिक प्रतिफल के बदले त्याग दिया, जिससे लंबे समय से चल रहे मुकदमे का अंत हुआ और दोनों पक्षों के बीच सद्भाव बहाल हुआ। इस राष्ट्रीय लोक अदालत में अपील का अंतिम निपटारा किया गया।
इस अवसर पर, पंजाब राज्य विधि सेवा प्राधिकरण के कार्यकारी अध्यक्ष माननीय न्यायमूर्ति अश्वनी कुमार मिश्रा ने राज्य भर के न्यायिक अधिकारियों, जिला विधि सेवा प्राधिकरणों और स्वयंसेवकों के समर्पित प्रयासों की सराहना की, जिनकी सामूहिक प्रतिबद्धता ने इस मेगा इवेंट के सफल संचालन को सुनिश्चित किया।

