शिमला जिले के मॉडल सेंट्रल जेल, कंडा और जिला सब जेल, कैथू में बंद 50 प्रतिशत कैदी ड्रग तस्कर हैं। इन सभी को नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस (एनडीपीएस) एक्ट 1985 के तहत गिरफ्तार किया गया है और ये सभी अवैध ड्रग व्यापार में शामिल थे।
राज्य के कारागार एवं सुधार सेवा विभाग के अनुसार, शिमला जिले के मॉडल सेंट्रल जेल, कंडा में करीब 500 कैदी हैं, जिनमें से 120 दोषी हैं, 45 विचाराधीन हैं, जबकि 165 एनडीपीएस अधिनियम के तहत बंद हैं। इसी तरह, जिला उप-कारागार, कैथू में 280 दोषी और विचाराधीन कैदी हैं, जिनमें से 133 एनडीपीएस अधिनियम के तहत दोषी हैं। ये सभी कैदी अवैध ड्रग्स, मुख्य रूप से चिट्टा और भांग की तस्करी में शामिल थे।
पुलिस के अनुसार, अवैध ड्रग्स के ज़्यादातर खरीदार इस धंधे में शामिल होते हैं। पहले तो वे उपभोक्ता के तौर पर शुरू करते हैं, लेकिन बाद में वे भी ड्रग्स के धंधे में शामिल हो जाते हैं, क्योंकि उनके पास ड्रग्स खरीदने के लिए पैसे नहीं होते। कई बार तो युवाओं को भी बहला-फुसलाकर ड्रग्स के धंधे में धकेला जाता है।वज्ञापन
शिमला पुलिस इस समय मिशन क्लीन चला रही है, जिसके तहत नशा तस्करों की धरपकड़ के लिए सख्त कार्रवाई की जा रही है। पुलिस ने सोशल इंटीग्रेटेड इंटेलिजेंस सिस्टम (SIINS) बनाया है, जिसके तहत पुलिस ने जिले में नशा तस्करों की सूची तैयार की है। इसके अलावा पुलिस ने नशा तस्करों को पकड़ने के लिए होटलों, बसों और टैक्सी संचालकों के साथ नेटवर्क भी बनाया है।
पिछले 18 महीनों के दौरान, शिमला पुलिस ने 1,300 से अधिक ड्रग तस्करों को गिरफ्तार किया है, जिनमें कई अंतर-राज्यीय ड्रग तस्करों के साथ-साथ ड्रग रैकेट के सरगना शशि नेगी उर्फ शाही महात्मा भी शामिल हैं, जो पिछले तीन-चार वर्षों से ऊपरी शिमला क्षेत्र, मुख्य रूप से रोहड़ू, चिड़गांव, जुब्बल, कोटखाई आदि में अवैध ड्रग रैकेट चला रहा था।