हरियाणा के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने बुधवार को राज्य की 15वीं विधानसभा के पहले सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि किसानों को और सशक्त बनाने तथा ग्रामीण विकास को बढ़ावा देने के लिए राज्य में लगभग 500 नए सीएम-पैक्स केंद्र स्थापित किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि ये सीएम-पैक्स किसानों के लिए प्रशिक्षण, विपणन और वित्तीय सेवाएं प्रदान करने के लिए वन-स्टॉप सेंटर के रूप में काम करेंगे।
उन्होंने कहा कि वर्तमान राज्य सरकार हमारे किसानों को सशक्त बनाने और ग्रामीण समृद्धि को बढ़ाने के लिए किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ) और पीएसीएस जैसे सहकारी संगठनों का एक विशाल नेटवर्क स्थापित कर रही है।
राज्यपाल ने कहा कि इसके अतिरिक्त एफपीओ और पैक्स को अनाज भंडारण के लिए गोदाम बनाने के लिए एक करोड़ रुपये तक का ब्याज मुक्त ऋण उपलब्ध कराया जाएगा। उन्होंने कहा कि हरियाणा एक कृषि प्रधान राज्य है, इसलिए किसानों का कल्याण वर्तमान राज्य सरकार की नीतियों के मूल में है।
राज्यपाल ने कहा कि वर्तमान राज्य सरकार ने किसानों के कल्याण की दिशा में काम करते हुए हाल ही में औपनिवेशिक काल के “आबियाना” (एक पारंपरिक कर) को समाप्त कर दिया है। इसके अलावा, हरियाणा देश का पहला राज्य बन गया है, जहां 24 फसलों को न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर खरीदा जाता है।
इस वर्ष मानसून में देरी के कारण किसानों को खरीफ फसलों की बुवाई के लिए अतिरिक्त संसाधनों की व्यवस्था करनी पड़ी, जिससे खेती की लागत बढ़ गई।
श्री बंडारू दत्तात्रेय ने कहा कि किसानों को राहत देने के लिए सरकार ने सभी खरीफ फसलों के लिए प्रत्येक किसान को 2000 रुपये प्रति एकड़ का बोनस दिया है। हरियाणा के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है कि ऐसा कदम उठाया गया है।
2023 और 2024 के रबी सीजन में प्राकृतिक आपदाओं के कारण फसल नुकसान के लिए 49,000 किसानों को मुआवजे के रूप में 133.75 करोड़ रुपये से अधिक जारी किए गए हैं।
इसके अलावा, वर्तमान राज्य सरकार ने ‘ई-खरीद’ पोर्टल के माध्यम से 12 लाख किसानों के बैंक खातों में 1 लाख 24 हजार करोड़ रुपये हस्तांतरित किए हैं, जिससे उन्हें एमएसपी आधारित फसल खरीद का सीधा लाभ मिला है।
किसानों को अधिक आत्मनिर्भर बनाने और उनकी आय बढ़ाने के लिए नीतियां बनाई जा रही हैं और कई निर्णय लिए जा रहे हैं: राज्यपाल
राज्यपाल ने कहा कि वर्तमान राज्य सरकार राज्य की वर्तमान आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए राज्य की कृषि व्यवस्था में परिवर्तन कर रही है। किसानों को अधिक आत्मनिर्भर बनाने तथा उनकी आय में वृद्धि करने के उद्देश्य से नीतियां बनाई जा रही हैं तथा अनेक निर्णय लिए जा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि आज नकली खाद, बीज और कीटनाशक कृषि क्षेत्र के लिए बड़ी चुनौती बन गए हैं। वर्तमान राज्य सरकार इन पर रोक लगाने के लिए सख्त कानून बनाएगी और यह सुनिश्चित करेगी कि किसानों को शत-प्रतिशत मुआवजा मिले।
राज्यपाल ने कहा कि सिंचाई जल की कमी को देखते हुए वर्तमान राज्य सरकार कम पानी की आवश्यकता वाली फसलों की खेती को बढ़ावा देगी।
उन्होंने कहा कि अगर किसान धान की जगह दूसरी फसलें बोते हैं या खेत खाली रखते हैं तो उन्हें प्रति एकड़ 10,000 रुपए की राशि दी जाएगी। साथ ही किसानों को 48 घंटे के भीतर डीबीटी के माध्यम से फसल खरीद का भुगतान मिलता रहेगा।
सरकार पानी की हर बूंद का अधिकतम उपयोग करने के लिए प्रतिबद्ध है
राज्यपाल ने कहा कि जल संकट आज एक वैश्विक चुनौती बनकर उभरा है, इसलिए इसे स्वीकार करते हुए वर्तमान राज्य सरकार पानी की प्रत्येक बूंद का अधिकतम उपयोग करने तथा इसके वितरण में होने वाली बर्बादी को रोकने के लिए प्रतिबद्ध है।
उन्होंने कहा कि नहरों में बुनियादी ढांचे में सुधार जारी रहेगा। सूक्ष्म सिंचाई, 19716 तालाबों के पुनरुद्धार और अपशिष्ट जल के उपचार और प्रबंधन के लिए नीतियां जारी रहेंगी। सरकार रावी और ब्यास नदियों से पानी का अपना वैध हिस्सा सुरक्षित करने और सतलुज-यमुना लिंक नहर को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध है। इन मुद्दों पर निरंतर और दृढ़ वकालत की जा रही है, श्री बंडारू दत्तात्रेय ने कहा।