सरकार ने धार्मिक स्थलों का आधुनिकीकरण और श्रद्धालुओं के लिए सुविधाओं में सुधार करके राज्य की विरासत के संरक्षण के लिए 550 करोड़ रुपये मंजूर किए हैं।
एक सरकारी प्रवक्ता ने बताया, “प्राचीन मंदिरों, किलों और पुरातात्विक स्थलों के जीर्णोद्धार के लिए लगभग 50 करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए हैं। मंदिरों में विकास कार्यों के लिए लगभग 37 करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए हैं।” उन्होंने आगे बताया कि धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए चिंतपूर्णी मंदिर के लिए 56.26 करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए हैं और मंदिर में एक भव्य परिसर का निर्माण कार्य चल रहा है।
उन्होंने कहा, ‘‘इसके अलावा, श्री ज्वालाजी और श्री नैना देवी मंदिरों के विकास के लिए 100-100 करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए हैं।’’
प्रवक्ता ने आगे बताया कि तीर्थयात्रियों की सुविधा के लिए अगस्त 2023 में श्री चिंतपूर्णी मंदिर में सुगम दर्शन प्रणाली शुरू की गई थी। नियमित भीड़ प्रबंधन के अलावा, बुजुर्गों और दिव्यांगजनों के लिए विशेष सुविधाएँ भी प्रदान की जा रही हैं। अनुष्ठानों की पवित्रता बनाए रखने के लिए, पुजारियों को विशेष प्रशिक्षण दिया जा रहा है। हाल ही में, श्री चिंतपूर्णी मंदिर के 15 और श्री नैना देवी मंदिर के 10 पुजारियों ने बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के माध्यम से ऑनलाइन प्रशिक्षण प्राप्त किया और चरणबद्ध तरीके से और पुजारियों को प्रशिक्षित किया जाएगा। सांस्कृतिक और धार्मिक संस्थाओं को भी वित्तीय सहायता प्रदान की गई है।